Amritpal Singh Arrest Operation: वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. एक हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पुलिस अमृतपाल की तलाश नहीं कर पाई है. लेकिन उसको पकड़ने के लिए सर्च आपरेशन के दौरान कई अहम चीजें निकलकर सामने आई है. जिससे ये अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि अमृतपाल एक शातिर दिमाग की बदौलत ही वारिस पंजाब दे जैसा संगठन चला रहा था. जांच में सामने आया है कि अमृतपाल अपने साथियों को संदेश पहुंचाने के लिए कोड वर्ड का इस्तेमाल करता था.
‘अमृतपाल ने बनाए थे अजीबोगरीब कोड वर्ड’
अमृतपाल खुद तो कोड वर्ड के जरिए बातचीत करता ही था, बल्कि वो अपने साथियों को भी मोबाइल पर कोड वर्ड में बात करने की ट्रेनिंग देता था. अमर उजाला में प्रकाशित एक खबर के अनुसार अमृतपाल का मानना था कि कोड वर्ड में बात करने कोई भी जांच एजेंसी अगर उनका फोन ट्रैप करे तो उनकी बातों का अर्थ नहीं समझ पाएगी. बताया जा रहा है कि कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में एक रात रुकने के बाद अमृतपाल ने एक कोड वर्ड बलजीत कौर को भी दिया था. जिसका इस्तेमाल उसे एक स्कूटी को पटियाला पहुंचाने के दौरान करना था.
19 मार्च को बलजीत कौर घर रुका था अमृतपाल
अमृतपाल अपने साथी पपलप्रीत के साथ बलजीत कौर के घर 19 मार्च को कुरुक्षेत्र के शाहाबाद गया था. इस दौरान बलजीत कौर को कहा गया था कि वो उनकी स्कूटी को पटियाला के दुख निवारण गुरुद्वारे की पार्किंग में पहुंचा दे, उसे एक पर्ची पर एक मोबाइल नंबर भी लिखकर दिया गया था, जिसपर वहां पहुंचने के बाद बलजीत कौर को फोन कर कोड वर्ड में बोलना था कि बुआ जी मैं रिनू बोल रही हूं, स्कूटी खड़ी है चाबी मैट के नीचे है. बलजीत कौर ने ठीक ऐसा ही किया था लेकिन जब सामने से बोल रही महिला ने उससे कहा कि वो उससे मिलकर जाए, तो बलजीत कौर मिले वापस आ गई थी.
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