Punjab News: खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब का मुखिया अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) सलाखों के पीछे अपनी सजा काट रहा है. अमृतपाल सिंह लंबे समय से खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल था, लेकिन अजनाला हिंसा के बाद वो पंजाब सरकार के निशाने पर आ गया. फिर उसपर पंजाब पुलिस ने शिकंजा कसकर जेल के हवा खाने के लिए भेज दिया. जिसके बाद कुछ समय के लिए खालिस्तानी चुप बैठ गए. लेकिन अब लगातार एक महीने से लग रहा है खालिस्तानी आंतकियों के खात्मे का प्लान तैयार किया जा रहा है.


45 दिन में 3 की मौत


आपको बता दें कि पिछले करीब एक महीने में कई खालिस्तानी आंतकियों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले मई माह में आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ की लाहौर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. पंजवड़ 1990 से पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था. पंजवड़ पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब में ड्रग और हथियारों की तस्करी कर रहा था. खालिस्तानी समर्थक और अमृतपाल को गाइड करने वाले अवतार सिंह खांडा की बर्मिंघम के अस्पताल में मौत हो गई है. खांडा की मौत कैसे हुई है, इसको लेकर सस्पेंस बना हुआ है. कुछ लोगों का कहना है, कि उसकी मौत ब्लड कैंसर से हुई है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि उसे जहर देकर मारा गया. आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के प्रमुख आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मार कर हत्या कर दी गई. निज्जर एनआईए की मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था. निज्जर पंजाब समेत पूरे भारत में माहौल बिगाड़ने के लिए फंडिंग और हथियारों से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की मदद करता था.


अब आगे क्या क्या?


इन खालिस्तानी आतंकियों की मौत के बाद अब सबकी निगाहें सिख फॉर जस्टिस के सरगना गुरपतवंत सिंह पन्नू पर टिकी हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिस तरफ से विदेशी धरती पर भारत में आतंकवाद फैलाने वालों पर अज्ञात हमलावरों द्वारा हमले किए जा रहे हैं. अगला नंबर गुरपतवंत सिंह पन्नू का हो सकता है. पन्नू पर भी खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल होने लोगों को उकसाने, धमकी भरे वीडियो जारी करने समेत कई आरोप है. यहीं नहीं भारत सरकार ने पन्नू को मोस्ट वांटेड नौ आतंकियों की सूची में शामिल किया हुआ है.


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