Kiran Choudhry: किरण चौधरी विधायकी से अयोग्य घोषित हुईं या नहीं? हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने क्या कहा?
Kiran Choudhry News: हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने किरण चौधरी की विधानसभा सदस्यता अयोग्य ठहराने की कांग्रेस की मांग को खारिज कर दिया है. इससे किरण चौधरी को बड़ी राहत मिली है.
Kiran Choudhry Latest News: हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने किरण चौधरी को विधानसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने की मांग वाली कांग्रेस की याचिका को 'तकनीकी आधार' पर खारिज कर दिया है. किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने पिछले महीने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गईं थी.
जारी किए गए बयान में कहा गया है कि स्पीकर गुप्ता ने कांग्रेस की याचिका खारिज कर दी है क्योंकि यह विधानसभा के 'दलबदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986' के मानदंडों को पूरा नहीं करती थी, जिसके कारण इसे तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया गया था. बयान में बताया गया है कि विधानसभा सचिवालय ने गुरुवार को कांग्रेस नेताओं को इसकी जानकारी दे दी है.
कांग्रेस विधायक आफताब अहमद और बी बी बत्रा ने लिखा था पत्र
बता दें कि 19 जून को विधानसभा स्पीकर के नाम कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के उपनेता आफताब अहमद और सीएलपी मुख्य सचेतक बी बी बत्रा ने पत्र दिया था. जिसमें कहा गया था कि किरण चौधरी 2019 के विधानसभा चुनावों में भिवानी के तोशाम से कांग्रेस विधायक चुनी गई थीं.
भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची, विशेष रूप से पैराग्राफ 2 (1) (ए) के अनुसार, किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित सदन का सदस्य सदन का सदस्य स्वेच्छा से पार्टी छोड़ देता है तो वो सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए जाते हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायक बत्रा और अहमद चौधरी ने किरण चौधरी को अयोग्य ठहराने की मांग की थी. विधानसभा में कुछ दिन बाद रिमाइंडर भी भेजा था.
किरण चौधरी को अयोग्य घोषित करने की रखी थी मांग
बयान के अनुसार, विधान सभा सचिवालय ने स्पष्ट किया कि ऐसी मांग के लिए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर की गई है, जबकि कांग्रेस नेताओं ने केवल एक नोटिस भेजा और किरण चौधरी को सदन के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की.
दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता नियम, 1986' में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि किसी विधायक की सदस्यता समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे और संहिता के भाग 5 में निर्धारित तरीके से सत्यापित किया जाएगा. अगर याचिका तय नियमों के तहत मानदंडों पर खरी नहीं उतरती है तो विधानसभा अध्यक्ष उसे खारिज कर सकते हैं.
स्पीकर ने कांग्रेस की याचिका को खारिज किया
बयान में कहा गया है कि स्पीकर ने कांग्रेस नेताओं से मिले नोटिस की विशेषज्ञों से जांच कराई है. इस दौरान पाया गया कि यह नोटिस नियमों की कसौटी पर खरा नहीं उतर रहा है. विधायक अहमद और बत्रा ने पिछले महीने कहा था कि किरण चौधरी को कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुना गया था और अब उन्होंने बीजेपी में शामिल होकर स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ दी है, इसलिए वह दसवीं अनुसूची के प्रावधानों के तहत अयोग्य हैं.
उन्हें स्पष्ट रूप से अयोग्य ठहराया गया है और उन्हें 19 जून, 2024 को किसी भी इरादे और उद्देश्य के लिए विधान सभा के सदस्य के रूप में नहीं गिना जा सकता है. उन्होंने अपनी याचिका में अनुरोध किया गया था कि उनकी अयोग्यता के संबंध में एक उपयुक्त अधिसूचना या घोषणा की जाए. बता दें कि किरण चौधरी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की बहू हैं.
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