Punjab Kotkapura Firing Case: पंजाब के कोटकपूरा गोलीकांड मामले में चार्जशीट होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) के साथ-साथ फरीदकोट (Faridkot) के तत्कालीन एसएसपी सुखमंदर सिंह मान (Sukhmandar Singh Mann) की अग्रिम जमानत याचिका पर मंगलवार को जिला अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच ढाई घंटे बहस हुई, जिसके बाद अदालत ने फैसले के लिए बुधवार का दिन तय किया था. इस बीच फरीदकोट कोर्ट ने बुधवार को फिर फैसला सुरक्षित रख लिया. ऐसे में अब कोर्ट 16 मार्च यानी कल फैसला सुनाएगा.
इन तीनों समेत कुल 8 के खिलाफ एडीजीपी एलके यादव की अगुवाई वाली एसआईटी ने 7 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की थी. इस पर अदालत ने उन्हें नोटिस जारी कर 23 मार्च 2023 को पेश होने के लिए कहा था. नोटिस के बाद प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल समेत पूर्व एसएसपी मान ने जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर फरीदकोट अतिरिक्त जिला और सेशन जज राजीव कालड़ा की अदालत में सुनवाई हुई.
चार्जशीट में इन्हें बताया गया है मास्टरमाइंड
बता दें कि 2015 में बेअदबी और पुलिस गोलीबारी के मामलों की जांच कर रहे एसआईटी ने 24 फरवरी को पंजाब के फरीदकोट की अदालत में शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर बादल और पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को मास्टरमाइंड बताते हुए चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद कोटकपूरा फायरिंग मामले और उसके बाद हुई हिंसा के लिए भी आरोपी बनाया गया है, जिसमें पुलिस बल पर ज्यादती का आरोप लगाया गया था, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी.
प्रकाश सिंह बादल पर क्या है आरोप?
आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर बादल और तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सैनी ने कथित तौर पर फरीदकोट जिले में बेअदबी की घटनाओं के बाद निष्क्रियता को छिपाने के लिए बल प्रयोग की साजिश रची थी. तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर साजिश को अंजाम देने का आरोप लगाया गया है. पूर्व विधायक मंतर सिंह बराड़ को भी 7,000 पन्नों की चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है.
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