Haryana Congress News: कांग्रेस की महासचिव और हरियाणा से सांसद कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) पर बिना नाम लिए गंभीर आरोप लगाए हैं. सैलजा ने अप्रत्यक्ष रूप से कहा है कि पार्टी को हरियाणा में कमजोर किया जा रहा है जो सबको दिख रहा है. कुमारी सैलजा ने एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि हरिय़ाणा में हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं.
क्या हुड्डा पार्टी को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं? इस सवाल पर सैलजा ने कहा, ''जो है वह सबको दिख रहा है. वह इंचार्ज हैं इनका काम करने का अपना तरीका है. सारी बातें मीडिया के सामने नहीं करना चाहती लेकिन सारी बातें सबके सामने हैं.'' क्या पार्टी प्रभारी संदीप बावरिया कार्यकर्ताओं को एकजुट नहीं कर पा रहे हैं? इसपर सैलजा ने कहा, ''यह भी सबके सामने है.''
बता दें कि हरियाणा प्रदेश कांग्रेस ने दीपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए पदयात्रा की घोषणा की थी, जो उन्होंने शुरू भी कर दी. इस पर सैलजा ने कहा था कि उन्हें नहीं पता कि कौन क्या कर रहा है. और अब उन्होंने खुलकर भूपेंद्र हुड्डा को कार्यशैली को लेकर अपनी बात रखी है.
कुछ लोग अलग चलने में विश्वास रखते हैं - कुमारी सैलजा
कांग्रेस को क्या कदम उठाने की जरूरत है? इस सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा, ''हम सब कांग्रेस के लोग हैं. हमारी कांग्रेस के प्रति निष्ठा है. हम तो कांग्रेस के लिए काम करेंगे. अपील करने का कोई सवाल नहीं है. सबको साथ लेकर काम करती हूं. कुछ लोग अलग चलने में ही विश्वास करते हैं. पिछले कुछ वर्षों की राजनीति देख लीजिए कोई मन बना ही ले कि उसे सहयोग नहीं करना और ना देना है, ये तो वो जाने.'' सैलजा ने अप्रत्यक्ष तरीके से भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा.
सीएम का चेहरा देगी या नहीं?
कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले अनुभव के आधार पर मेरा यह कहना है कि कोई सीएम होता है तो वह लीड करता है लेकिन जब हम विपक्ष में होते हैं तो पार्टी किसी को प्रोजेक्ट नहीं करती. यह फैसला बाद में हाईकमान करता है. यह परंपरा रही है. देखते हैं कि पार्टी हाईकमान क्या करता है.
पदयात्रा पर यह बोलीं कुमारी सैलजा
कुमारी सैलजा भी इसी महीने पदयात्रा करेंगी. इसको लेकर उन्होंने बताया, ''यात्रा हमने जनवरी में शुरू की थी और क्योंकि लोकसभा बीच में आया था, बीच में रोकी थी, फिर चुनाव के बाद हम यह यात्रा अलग ढंग से करेंगे. पहले लोकसभा की बात थी. अब विधानसभा चुनाव है तो इसका दूसरा प्रारूप होगा. हमने रूपरेखा दी है. हम जुलाई के आखिर में फिर से इसे शुरू करेंगे. खास तौर पर शहरी इलाके थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत है. लोकसभा चुनाव के नतीजे देखकर लगा कि पार्टी को और मेहनत करनी चाहिए.''
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