Kurukshetra Surya Grahan 2022: साल का आखिरी सूर्य ग्रहण उत्तर-पूर्व के कुछ हिस्सों सहित भारत के अधिकांश हिस्सों में दिखाई दिया. वहीं इस दिन देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों श्रद्धालुओं ने करुक्षेत्र में मंगलवार को सूर्य ग्रहण के दौरान यहां के पवित्र सरोवरों में डुबकी लगाई. श्रद्धालुओं ने कुरुक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर, सन्निहित सरोवर, ज्योतिसर तीर्थ, पिहोवा तीर्थ में स्नान किया. इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने कुरुक्षेत्र के अन्य स्थलों सहित महाभारत की भूमि को भी देखा.
सूर्य ग्रहण के दौरान आयोजित मेले को लेकर अधिकारियों ने बताया कि जिला प्रशासन ने पांच लाख से अधिक लोगों के ठहरने की व्यवस्था की थी. सूर्य ग्रहण शाम 4.27 बजे से शाम 5.39 बजे के बीच हुआ. हिंदू मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुरुक्षेत्र के पवित्र तालाबों में स्नान करना शुभ माना जाता है. कुरुक्षेत्र में दो साल के कोरोना महामारी के बाद सूर्य ग्रहण मेले के लिए भक्तों की भारी भीड़ देखी गई. इस मेले में आए यूपी के एक तीर्थयात्री रमेश कुमार ने कहा कि सूर्य ग्रहण पर यहां पवित्र सरोवर में पवित्र डुबकी लगाने का हिंदू मान्यताओं के अनुसार महत्व है. इस अवसर पर यहां आना मेरा सौभाग्य है.
मेला परिसर में लगाए गए 250 से अधिक CCTV कैमरा
कुरुक्षेत्र के डिप्टी कमिश्नर सुशांत शर्मा ने कहा कि तीर्थयात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 100 से अधिक चौकियां बनाई गई हैं. सूर्य ग्रहण मेला क्षेत्र को 20 सेक्टरों में बांटा गया था और सभी सेक्टरों में ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए थे. जिसमें पानी, शौचालय, स्वास्थ्य और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था, अस्थायी बिजली और जनरेटर की व्यवस्था की गयी है. सूर्य ग्रहण मेला क्षेत्र और उसके आसपास 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए कुरुक्षेत्र के लिए विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं.
ई-रिक्शा और मिनी बसें निशुल्क उपलब्ध कराई गईं
वहीं पुलिस अधीक्षक एस एस भोरिया ने कहा कि मेले की सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के तहत करीब 4,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए 29 पार्किंग स्थान बनाए गए हैं. जबकि तीर्थयात्रियों के लिए 40 टेलीफोन बूथ बनाए गए हैं. ब्रह्म सरोवर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए 260 ई-रिक्शा और 20 मिनी बसें नि:शुल्क उपलब्ध कराई गई हैं. वहीं इमरजेंसी को देखते हुए दमकल विभाग की कई टीमों को भी अलग-अलग जगहों पर तैनात किया गया था. इसके अलावा मोटरबोट और गोताखोरों के साथ कई टीमों को भी तैनात किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई घटना न हो.
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