Lemon Rate: गर्मियों में नींबू के भाव ने कर दिए हैं दांत खट्टे, तपती गर्मी में नींबू पानी पीना बना सपना
नींबू के बढ़ते भाव से तपती गर्मी में नींबू पानी पानी एक सपना जैसा हो गया है. इसके साथ ही नींबू की बढ़ती कीमतों से लोगों की जेब पर भी काफी असर पड़ रहा है.
नींबू के बढ़ते भाव ने चंडीगढ़ की जनता के दांत खट्टे कर दिए हैं. इसके साथ ही उनकी जेब पर पड़ रहे असर की वजह से तपती गर्मी में नींबू पानी पीना एक सपने के जैसे हो गया है. चंडीगढ़ में मार्च के अंतिम सप्ताह में नींबू की कीमत 120 रुपये प्रति किलो के आसपास थी, इसके बाद फिर नींबू के दाम बढ़ते ही गए. फिर अप्रैल के पहले सप्ताह तक नींबू की कीमत 240 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गई. वहीं फिर 10 अप्रैल तक नींबू 320 रुपये प्रति किलो के भाव से बिका और इसके बाद लोगों की रसोई से नींबू गायब भी होने लग गए.
नींबू की बढ़ती कीमतों के पीछे की वजह तेजी से बदल रहा मौसम और ईंधन में हो रही बढ़ोतरी भी बताई जा रही है. इसके साथ ही नींबू की होने वाली आपूर्ति की कमी भी नींबू के बढ़ते भाव की वजह बनी हुई है. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मंडी पर्यवेक्षक गुरमिंदर सिंह ने कहा कि चंड़ीगढ़ में फलों और सब्जियों का कोई स्थानीय उत्पादन नहीं है, यहां पर सब्जियां बाहर के क्षेत्रों से लाई जाती हैं. इसके लिए लाने का खर्चा भी लगाना पड़ता है और यही वजह के सब्जियों का भाव बढ़ रहा है.
गुरमिंदर ने बताया कि सब्जियां और फल खराब होने वाली वस्तुएं हैं. इसलिए इन्हें लंबे समय तक स्टॉक नहीं किया जा सकता क्योंकि वे कम समय में खराब हो जाती हैं. इन वस्तुओं की कीमतें बाजार में उपलब्ध उत्पाद के स्टॉक पर निर्भर रहती हैं. इसके साथ ही सब्जी विक्रेता वरिंदर दुबे ने कहा नींबू ही नहीं कई सब्जियों के दाम भी बढ़े हैं, जिनमें टमाटर और भिंडी की कीमत आपूर्ति में कमी के कारण बढ़ी है. ग्राहकों का कहना है कि बढ़ती कीमतों को देखकर अब अपनी पंसद की सब्जी को नहीं खरीद पा रहे हैं.