Punjab: लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन का समय बचा है. चुनावों को लेकर तमाम पार्टियों में हलचल तेज हो गई है. इसी बीच खबर सामने आई है कि अकाली दल (संयुक्त) के फाउंडर सुखदेव सिंह ढींढसा मंगलवार को अपनी पार्टी का शिरोमणि अकाली दल में विलय करने वाले हैं. करीब चार साल पहले अकाली दल से नाता तोड़कर सुखदेव सिंह ढींढसा ने अलग पार्टी बनाई थी. अब एक बार फिर सुखबीर सिंह बादल और सुखदेव सिंह ढींढसा की राहें एक होनी वाली हैं.
अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल दोपहर सुखदेव सिंह ढींढसा के चंडीगढ़ के सेक्टर-2 स्थित घर में जाएंगे. यहां सुखदेव ढींडसा की पार्टी अकाली दल संयुक्त का शिरोमणि अकाली दल में विलय होगा. साल 2021 में विधानसभा चुनावों से पहले अकाली दल संयुक्त बनाया गया था. इसमें अकाली दल डेमोक्रेटिक और अकाली दल टकसाली का विलय हुआ था. इसके फाउंडर सुखदेव सिंह ढींढसा और रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा बने. साल 2022 में रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा के देहांत के बाद से सुखदेव सिंह ढींढसा अकेले हो चुके थे.
पिछले दिनों बादल ने एक कार्यक्रम में मांगी थी माफी
बता दें कि पिछले दिनों एक कार्यक्रम के दौरान अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अपने कार्यकाल के दौरान हुई बेअदबियों के लिए माफी मांगी थी. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी के रुठे हुए नेताओं को गुस्सा छोड़कर वापस आने की भी बात कही थी और उनसे भी दिल दुखाने के लिए माफी मांगी थी. बादल ने कहा था कि अगर हमें पंजाब को बचाना है तो एक झंडे के नीचे आना होगा. सुखबीर सिंह बादल के बयान के बाद से ही सुखदेव सिंह ढींढसा की वापसी की उम्मीद जताई जा रही थी.
सुखदेव सिंह ढींढसा ने क्यों छोड़ी थी पार्टी?
बेअदबी और बहबल कलां गोलीकांड के बाद शिरोमणि अकाली दल में फूट पड़ने लगी थी. जिसको लेकर रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने पहले पार्टी छोड़ी. इसके बाद सीनियर नेताओं को नजर अंदाज किए जाने के आरोप लगाते हुए सुखदेव सिंह ढींढसा भी पार्टी से अलग हो गए थे.
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