(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Elections 2024: 25 सितंबर से बदल जाएंगे हरियाणा के सियासी समीकरण, जानिए किसका पलड़ा होगा भारी?
हरियाणा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों में भी राजनीतिक पार्टियां जुटी हुई हैं. बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने और कांग्रेस अपने खोए हुए वजूद को वापस पाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.
Haryana News: देश में लोकसभा चुनावों की तैयारियां तेज हो गई हैं. बात अगर हरियाणा की करें तो साल इस बार कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं. हरियाणा में कई राजनीतिक समीकरण नए बनते दिख रहे हैं तो कई राजनीतिक समीकरण ध्वस्त होने वाले हैं. कब किसका पलड़ा भारी हो जाए, और कब किसकी मजबूती भी खड़खड़लाने लग जाए, ये कहा नहीं जा सकता है. फिलहाल हम बात कर रहे हैं हरियाणा के राजनीतिक समीकरणों की जो 25 सितंबर के बाद बदलते दिख रहे हैं.
25 सितंबर के बाद क्या होने वाला है?
दरअसल, 25 सितंबर को पूर्व उप-प्रधानमंत्री देवीलाल की जयंती मनाई जाने वाली है. इंडियन नेशनल लोकदल उनकी जंयती सम्मान दिवस महारैली के रूप में कैथल में मनाने वाली है. इस महारैली में शामिल होने के लिए I.N.D.I.A गठबंधन के कई नेताओं को न्योता भेजा गया है, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल, राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी और माकपा नेता सीताराम येचुरी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार का नाम शामिल है. हालांकि अभी इंडियन नेशनल लोकदल I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल नहीं है, लेकिन 25 सितंबर को I.N.D.I.A गठबंधन के नेता जब सम्मान दिवस महारैली में शामिल होंगे तो सियासी समीकरण बदल सकते हैं. I.N.D.I.A गठबंधन के नेता इनेलो नेता अभय चौटाला को I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल होने के लिए मना सकते है. और अगर इनेलो I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल हुआ तो सियासी समीकरण बदलना तय है.
जानिए किसका पलड़ा होगा भारी?
I.N.D.I.A गठबंधन में इनेलो के शामिल होने से जहां एक तरफ हरियाणा कांग्रेस की तरफ से अकेले चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है. वो इनेलो के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी तो लाजिमी है कि कांग्रेस और इनेलो का पलड़ा भारी होगा. फिलहाल कांग्रेस विपक्ष आपके द्वार कार्यक्रम के जरिए और इनेलो परिवर्तन यात्रा के जरिए प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मजबूती से जनता के बीच जा रही है. दूसरी तरफ गठबंधन की सरकार चला रही बीजेपी और जेजेपी वैसे तो साथ चुनाव लड़ने का दावा कर रही है लेकिन दोनों ही पार्टियां अलग-अलग अपने चुनावी अभियान में जुटी हुई है. तो अभी साफ तौर पर यह कहना मुश्किल होगा तो कि दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी या नहीं. इस लिहाज से देखा जाए तो अगर कांग्रेस और इनेलो साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तो हरियाणा में नए सियासी समीकरण बनने वाले है.
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