(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lok Sabha Elections 2024: भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर BJP से मिलीभगत का आरोप, चौटाला बोले- दीपेंद्र के टिकट पर लटकी तलवार!
इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि, जजपा का प्रदेश से सूपड़ा साफ हो चुका है, इसलिए अब पूर्व सीएम हुड्डा राजस्थान में गए हैं. अब तो वह अपने बेटे दीपेंद्र को भी कांग्रेस से टिकट नहीं दिला सकते हैं.
Haryana News: चुनाव नजदीक आते ही हरियाणा में राजनीतिक पार्टियों के बीच सियासी तकरार तेज हो गई है. अब इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) के नेता और ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला (Abhay Singh Chautala) ने कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) से मिलीभगत का आरोप लगाया है.
'दीपेंद्र को टिकट भी नहीं दिला सकते'
अभय चौटाला ने कहा, 'भूपेंद्र सिंह हुड्डा और बीजेपी की मिलीभगत अब जग जाहिर हो चुकी है. विधानसभा में भी पूर्व सीएम ने सरकार का बचाव किया था, इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है. आलम ये है कि अब तो पूर्व सीएम हुड्डा अब अपने बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deependra Singh Hooda) को भी कांग्रेस से टिकट नहीं दिला सकते हैं.' इनलो नेता ने गुरुवार को रोहतक के रुपया चौक पर स्थित एक बैंक्वेट हॉल में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में ये बयान दिया.
'जजपा का प्रदेश से सूपड़ा साफ हो गया'
इस दौरान चौटाला ने हरियाणा की गठबंधन सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'जजपा का प्रदेश से सूपड़ा साफ हो चुका है, इसलिए अब वह राजस्थान में गए हैं. अब प्रदेश की जनता मुख्यमंत्री को चादर डालकर सुला देगी. बीजेपी व जजपा से प्रदेश की जनता का विश्वास उठ चुका है.' इतना ही नहीं, उन्होंने सांसद डॉ. अरविंद शर्मा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह मोनू मानेसर का बचाव करके क्या इस इलाके में तनाव पैदा करना चाहते हैं? बीजेपी बताएं कि वह रेपिस्ट और कातिलों का साथ क्यों दे रही है?
'कांग्रेस हाथ से हाथ तोड़ो अभियान कर रही'
अभय चौटाला ने कहा कि प्रदेश की जनता के सामने सब कुछ आ चुका है कि, कांग्रेस का जनता से कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि उन्हें तो अपनी कुर्सी चाहिए. इनेलो की पदयात्रा देखकर कांग्रेस ने हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाया जोकि हाथ से हाथ तोड़ो अभियान बन गया और बाद में सिर फोड़ो अभियान बन गया. वहीं उनहोंने किसान मेले को लेकर कहा कि, हिसार स्थित हरियाणा कृषि विवि जो पिछले कई दशकों से हर साल सितंबर में किसान मेले का आयोजन करता आया है. अबकी बार न कराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, शर्मनाक और किसान विरोधी फैसला है.