Lok Sabha Elections 2024: पंजाब में I.N.D.I.A गठबंधन में बढ़ा विवाद, क्या आलाकमान सुलझा पाएगा मसला? जानें- किस मुद्दे पर है विवाद
Lok Sabha Elections: पंजाब में I.N.D.I.A गठबंधन के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. पंजाब कांग्रेस के कुछ नेता आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे है तो कुछ नेता हाईकमान के फैसले से सहमत भी है.
Punjab News: 2024 के लोकसभा चुनावों में एनडीए का सामना करने के लिए इस बार विपक्षी दलों ने अपना नया गठबंधन बनाया है जिसको नाम दिया गया है I.N.D.I.A. लेकिन लोकसभा चुनावों से पहले ही इस गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नेताओं के बीच द्वंद छिड़ा हुआ है. पंजाब में कांग्रेस और आप के बीच मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है. पंजाब कांग्रेस के नेता शुरूआत से ही आप के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के बयान के बाद अब मुद्दा और गरमा गया है.
नेताओं में देखने को मिली है तल्ख टिप्पणी
दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से अकेले चुनाव लड़ने और जीतने की बात कहीं गई थी. जिसके बाद फिर कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन में विरोध देखने को मिला है. जबकि पंजाब कांग्रेस के मुखिया अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पहले ही आप से गठबंधन को लेकर तल्ख टिप्पणी करते नजर आए है. वहीं पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की तरफ से कहा गया था लोकतंत्र की रक्षा के लिए मामूली मनमुटाव को भूलने की बात कही गई थी. इसके ठीक बाद पर्यटक मंत्री अनमोल गगन का भी बयान आया था उन्होंने भी अलग चुनाव लड़ने और जीतने की बात कही थी.
सिद्धू और सांसद बिट्टू ने किया था समर्थन
पंजाब कांग्रेस का एक धड़ा ऐसा भी है जिसमें आप के साथ गठबंधन का समर्थन भी किया था. कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धू और सांसद रवनीत सिंह बिट्टू की तरफ से कहा गया था. कि पंजाब कांग्रेस को पार्टी हाईकमान के फैसले से सहमत होना चाहिए. सांसद बिट्टू की तरफ से तो यहां तक कहा गया था कि जो पार्टी हाईकमान के फैसले के साथ नहीं, उसे इस्तीफा दे देना चाहिए.
क्या पार्टी हाईकमान सुलझा पाएगा मसला?
वहीं सूत्रों की माने तो कांग्रेस हाईकमान पंजाब के बड़े नेताओं को दोबारा दिल्ली तलब कर सकती है. गठबंधन को लेकर असहमत नेताओं से बातचीत की जाएगी. यानि अब अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान को ही करना है. पंजाब कांग्रेस के नेता सभी जिलों के बूथ स्तर के हर कार्यकर्ता और नेताओं से संपर्क साध उनकी परेशानियां समझ रही है. ताकि एक मजबूत रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव के रण में उतरा जा सके.