Punjab News: पंजाब का चुनावी किला भेदना भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए हमेशा से ही चुनौती रहा है, जिसकी वजह से वो हमेशा शिरोमणि अकाली दल (SAD) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती आई है. लेकिन इस बार बीजेपी अकेले चुनावी रण में उतरने का मन बना चुकी है. अकाली दल की तरफ से भी दोबारा गठबंधन करने की खबरों से साफ इनकार किया जा चुका है. लेकिन सियासी गणित को देखते हुए अभी भी प्रदेश में ये चर्चा है कि पंजाब का किला भेदने के लिए अकाली दल और बीजेपी का साथ आना 'मजबूरी' है. आइए आंकड़ो से समझते हैं अंदर की बात...


सियासी जमीन तैयार कर रही BJP


पिछले विधानसभा चुनावों में मिली बड़ी हार के बाद बीजेपी अन्य दलों से बड़ी संख्या में सिख और हिंदू नेताओं को अपने साथ मिलाने में कामयाब रही है. लेकिन इससे लोकसभा चुनावों में कोई ज्यादा फायदा मिलता दिख नहीं रहा है. अगर बीजेपी को पंजाब में अपनी सियासी जमीन तैयार करनी है तो उसे अकाली दल के साथ गठबंधन में वापस जाना होगा. लेकिन बीजेपी किसी भी हाल में ऐसा करना नहीं चाहती है. बीजेपी की पंजाब इकाई के उपाध्यक्ष सुभाष शर्मा का कहना है कि उनकी पार्टी पंजाब में बढ़ रही है. अकाली दल से गठबंधन खत्म हुए अभी 2 साल ही हुए है ऐसे में उनकी पार्टी प्रदेश में एक उभरती हुई पार्टी है. किसी पार्टी को राजनीतिक परिणाम दिखाने में सक्षम होने में थोड़ा समय तो लगता ही है.


जानें क्या कहते हैं आंकड़े?


आंकड़ों की अगर बात करें तो 2014 के लोकसभा चुनावों में पंजाब में बीजेपी और अकाली दल ने मिलकर 6 सीटें जीती थी. वहीं 2019 के लोकसभा चुनावों में अकाली गठबंधन को 4 सीटे मिली थी. बीजेपी अकाली दल गठबंधन को 37.08 फीसदी वोट मिले थे. वहीं आईडीसी के निदेशक प्रमोद कुमार के अनुसार बीजेपी के पास पंजाब में 6 प्रतिशत से 8 प्रतिशत के बीच वोट शेयर है जो अभी बढ़ने वाला भी नहीं है. 


अपनी बात मनवा लेगा SAD?


2024 के लोकसभा चुनावों के लिए क्या अकाली दल केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी से गठबंधन करेगा, ये राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा सवाल है. एक तरफ जहां अकाली दल बीजेपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ वो विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A के साथ भी हाथ मिलाने से परहेज कर रहा है. वहीं बसपा से अकाली दल अपना गठबंधन बरकार रखे हुए है. यानि अभी अकाली दल अपने पत्ते गुप्त रखे हुए हैं. अगर बीजेपी की तरफ से उसकी बातें मान ली जाती है, तो एक बार फिर बीजेपी और अकाली दल साथ में चुनाव लड़ते नजर आने वाले है. 


यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में डेरा डालेंगे हरियाणा के 25 विधायक, जानिए क्या है बीजेपी की नई रणनीति