Haryana News: हरियाणा में बीजेपी (BJP) और जेजेपी (JJP) का गठबंधन टूटने की चर्चाएं अब बार फिर शुरू हो गई हैं. पिछले दिनों भी इस गठबंधन के टूटने को लेकर खूब चर्चाएं हुई थीं. इस दौरान उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) और प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) के बीच जुबानी जंग देखने को मिली थी. इसकी शुरुआत बिप्लब देब की ओर से उचाना से बीजेपी की प्रेमलता को अगला विधायक बताने पर हुई थी. इस सीट से दुष्यंत चौटाला अभी मौजूदा विधायक हैं. ऐसे में उनके बयान से सियासत गरमा गई है.


पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने दावा किया है कि हरियाणा में 15-20 दिन के अंदर जेजेपी-बीजेपी के बीच गठबंधन टूट जाएगा. बीरेंद्र सिंह ने ये दावा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से 2 दिन पहले हुई मीटिंग के बाद किया है. उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर की रैली के बाद उनकी बीजेपी के शीर्ष नेताओं से बातचीत हुई है. उनकी तरफ से कहा गया है बीजेपी के सभी नेता गठबंधन के पक्ष में नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बीरेंद्र सिंह के बयान का समर्थन किया है.


जेजेपी से अलग होने का बीजेपी क्यों ले सकती है फैसला?


बता दें कि हरियाणा में 90 विधानसभा सीटें है. बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 46 सीटों की आवश्यकता होती है. बीजेपी के पास अभी 41 विधायक हैं. 5 सीटों की कमी होने पर बीजेपी ने जेजेपी से गठबंधन किया था. पिछले दिनों जब जेजेपी-बीजेपी के बीच खींचतान सामने आई थी तो 4 निर्दलीय विधायक खुलकर बीजेपी का समर्थन करते दिखाई दिए थे. उन्होंने प्रदेश बीजेपी प्रभारी बिलप्व कुमार देब से मुलाकात की थी. इसके अलावा हालोपा से विधायक गोपाल कांडा भी बीजेपी के समर्थन में हैं. इस वजह से अगर बीजेपी, जेजेपी से अलग भी होती है तो उसे कोई नुकसान नहीं होने वाला और 46 के आंकड़े पर पहुंच जाएगी.


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