Punjab News: लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024 ) को लेकर सियासी दलों के बीच तैयारी चरम पर है. अगर I.N.D.I.A. की बात करें तो दिल्ली और पंजाब के बाद अब हरियाणा (Haryana) में भी टिकट बंटवारे (Seat Sharing) को लेकर कांग्रेस (Congress) की राह सहयोगी दलों से तालमेल को लेकर आसान नहीं है. ऐसा इसलिए कि कांग्रेस की हरियाणा इकाई के अगुवा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राज्यसभा सांसद व उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा की तैयारी प्रदेश की सभी 10 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की है. हरियाणा में इस माह के अंत तक टिकट बंटवारा और पेचीदा होने की संभावना है. 25 सितंबर को देश के पूर्व पीएम चौधरी देवी लाल की जयंती है. इस बात के कयाय लगाए जा रहे हैं कि 36 बिरादरी को साथ लेकर चलने वाले देवीलाल की पार्टी इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) उनकी 110वीं जयंती के मौके पर I.N.D.I.A. में शामिल होने की घोषणा कर सकती है. 


ऐसा होता है तो I.N.D.I.A. में हरियाणा के 10 सीटों के बंटवारे पर घमासान मच सकता है. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख धरा सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने के लिए तैयारी में जुटी है. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन के दबाव में अगर सहयोगी दलों के साथ लड़ने के लिए प्रदेश इकाई  को समझौता करना भी पड़ा तो कांग्रेस सोनीपत, रोहतक, भिवानी- महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, अंबाला पांच सीटों पर किसी से समझौता नहीं करने को तैयार नहीं होगी. कैथल सीट से ​साल 2019 में गांधी परिवार के करीबी नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला चुनाव लड़े थे. कांग्रेस इस सीट को भी छोड़ना पसंद नहीं करेगी. वैसे भी कांग्रेस की स्थिति हरियाणा में इस बार पहले से बेहतर है. ऐसे में कांग्रेस का अपने सहयोगी दलों की पसंद की लोकसभा सीटों को छोड़ने की संभावना न के बराबर है. 


हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा विधानसभा चुनाव को लेकर बार-बार कह रहे हैं कि कांग्रेस को किसी भी दल के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है. लोकसभा चुनाव 2019 में सोनीपत से भूपेंद्र सिंह हुड्डा लड़ चुके हैं. उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा रोहतक, पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा अंबाला, किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी महेंद्रगढ़-भिवानी और कैप्टन अजय यादव गुरुग्राम से चुनाव लड़ चुके हैं. ये लोग अपनी-अपनी सीट किसी भी सूरत में छोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगी. खास बात यह है कि ये भी लोग हरियाणा के प्रमुख सियासी परिवारों से भी ताल्लुक रखते हैं. 


AAP का 5 सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत 


जानकारी के मुताबिक आम आदमी पार्टी (AAP) की निगाहें प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की है. तीन सीटों पर चौधरी देवीलाल की पार्टी इनेलो भी दावेदारी ठोकने को तैयार है. साल 2019 में आप ने जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। जेजेपी ने सात सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि तीन सीटें फरीदाबाद, रोहतक और करनाल आप को दी थी। इस समय कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सिरसा से सांसद रह चुके डा. अशोक तंवर आप की प्रदेश प्रचार समिति के संयोजक हैं. अंबाला के चौधरी निर्मल सिंह संयुक्त राष्ट्रीय सचिव तथा उनकी बेटी चित्रा सरवारा प्रदेश उपाध्यक्ष हैं। आप के वरिष्ठ उप प्रधान अनुराग ढांडा पहले से ही रोहतक व कुरुक्षेत्र लोकसभा सीटों पर निगाह जमाए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बार पार्टी की फरीदाबाद, रोहतक, करनाल के साथ सिरसा और अंबाला सीट पर भी टिकट का दावा कांग्रेस के सामने पेश कर सकती है. 


INLD का इंडिया में शामिल होने का इरादा


वहीं, हरियाणा के पूर्व सीएम और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती है. इनेलो ने कैथल में करीब एक दर्जन प्रमुख नेता उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए वहां पहुंच सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि इनेलो इनेलो इंडिया गठबंधन में शामिल होने का आधिकारिक ऐलान कर दे. अगर ऐसा हुआ तो इनेलो सिरसा, हिसार और भिवानी की लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक सकती है. तीनों सीटों का इनेलो का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है. 


4 सीटों पर सबके अपने-अपने दावे


खास बात यह है कि हरियाणा की 10 में से चार सीटों यानी रोहतक अंबाला, भिवानी और सिरसा पर कांग्रेस, आप और इनेलो चुनाव लड़ने के दावे ठोक रहे हैं. कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. आप का दावा पांच सीटों पर चुनाव लड़ने की है. इनेलो तीन सीटों पर दावा करेगी. जबकि प्रदेश में लोकसभा की केवल 10 सीटें हैं. ऐसे में तीनों के बीच तालमेल हो पाएगा या नहीं, इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. 


Congress गठबंधन के पक्ष में


बता दें कि साल 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव प्रदेश की सभी सीटों पर हारने वाली देश की सबसे पुरानी कांग्रेस इस बार फिर पुरानी रणनीति पर अमल करना चाहती है. पार्टी का कई राज्यों में नए सिरे से चुनाव पूर्व गठबंधन करने का इरादा है. इन राज्यों में हरियाणा, बिहार, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं. 


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