Punjab News: पंजाब के लुधियाना (Ludhiana) में रविवार सुबह बड़ा हादसा हो गया. यहां जहरीली गैस रिसाव के कारण 5 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई. जबकि 10 से अधिक लोग बेहोश हो गए जिन्हें तुरंत अस्पताल में इलाज के बाद बचाया जा सका. मरने वालों में 5 महिलाएं और 6 पुरुष शामिल हैं. एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक जांच में सामने आया कि सुआ रोड स्थित सीवर मैनहोल में गैस H2S (हाइड्रोजन सल्फाइड ) थी. इस गैस की चपेट में आने से लोगों की मौत हुई हैं. 


वहीं गैस के असर को कम करने के लिए सीवरेज में कास्टिक सोडा डाला गया है. घटना स्थल पर टीपीएम लेवल अधिकारियों ने चेक किया तो 200 मिला जो काफी घातक है. कास्टिक सोडा डालने के बाद केमिकल के रिएक्शन को काफी हद तक कम किया गया है. फिलहाल, अभी जरूरत है कि इलाके को सील ही रखा जाए. जिन दो घरों के पारिवारिक सदस्य इस गैस की चपेट में आए हैं उसका बड़ा कारण यह सामने आया है कि उन दोनों घरों के पास ही सीवरेज मैनहोल है.


मान सरकार ने दिया मुआवजा
बता दें कि एक परिवार के पांच सदस्यों समेत 11 लोगों की मौत हो गई है. वहीं चार अन्य लोगों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है. इसके साथ ही संबंधित थाने में मामला दर्ज कराया गया. वहीं इस हादसे को लेकर डॉक्टरों ने कहा कि गैस का असर लोगों के फेफड़ों पर नहीं बल्कि दिमाग पर पड़ा है. सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की बात कही है. 


आस पास के लोग भी हुए बेहोश
ग्यासपुरा में सुआ रोड पर जिस करियाना दुकान के पास यह हादसा हुआ, उसके आसपास घनी आबादी वाला इलाका है. यहां 300 मीटर के दायरे में कई लोग सड़कों और घरों में बेहोशी की हालत में पड़े मिले. आसपास के ढाबों के लोग भी बेहोश हो गए. प्रशासन ने ड्रोन की मदद से पूरे एरिया में सर्च अभियान चलाया गया. घटना स्थल पर पहुंचे लुधियाना के पुलिस कमिश्नर मनदीप सिद्धू ने बताया कि घटना वाली इमारत से सभी लोगों को निकाला जा चुका है.


लगातार हो रही गैस लीकेज की जांच
वहीं हादसे के बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों के मुताबिक जिन लोगों की मौत हुई, उनके रेस्पिरेटरी सिस्टम में दम घुटने का कोई लक्षण नहीं दिखा. मौत की वजह न्यूरोटॉक्सिन (नर्वस सिस्टम पर असर करने वाला जहर) हो सकता है. सीवरेज मैनहोल में केमिकल रिएक्शन के बाद ही लोग मरे हैं. नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फोर्स (NDRF) की टीमों ने पूरी रात हवा की क्वालिटी चेक की है. गैस लीकेज की जांच के लिए लगातार मशीनें लगी हुई हैं.


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