Ludhiana News: लुधियाना में स्टूडेंटस को हाथ से लिखकर दे दिए फर्जी रोल नंबर, परीक्षा केंद्र के बाहर रोते-बिलखते रहे बच्चे
Ludhiana News: लुधियाना में शनिवार को दसवीं कक्षा का पहला पेपर था, इस दौरान निजी स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई, कौंके कलां गांव में 26 विद्यार्थियों को हाथ से लिखे फर्जी रोल नंबर दे दिए गए.
Punjab News: पंजाब के लुधियाना के जगराओं के कौंके कलां गांव में 26 विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ का आरोप निजी स्कूल पर लगा है. बताया जा रहा है स्कूल की लापरवाही की वजह से छात्रों को दसवीं का पहला पेपर देने की अनुमति नहीं मिल पाई. क्योंकि निजी स्कूल प्रबंधन ने इन विद्यार्थियों को सही रोल नंबर ना देकर, रोल नंबर लिखी पर्चियां पकड़ा दी. जब ये सभी छात्र-छात्राएं परीक्षा देने के लिए जगराओं के खालसा स्कूल में बनाए गए एग्जाम सेंटर में पहुंचे तो वहां परीक्षा केंद्र सुपरवाइजर और अन्य स्टाफ ने इन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया.
परीक्षा केंद्र के बाहर रोने लगे छात्र-छात्राएं
एग्जाम सेंटर में प्रवेश ना मिलने पर छात्र-छात्राएं रोने लगे. उनका कहना था कि स्कूल प्रबंधन की वजह से उनका भविष्य खराब हो जाएगा. जो रोल नंबर उनके पास मौजूद है वो स्कूल द्वारा ही लिखकर दिए गए है. सूचना मिलने पर आप विधायक सरबजीत कौर माणुके एग्जाम सेंटर पहुंची, इस दौरान उन्होंने कहा कि जिम्मेदार स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामला हल करवाने के हल संभव प्रयास किए जाएंगे. विधायक सरबजीत कौर ने कहा वो शिक्षा विभाग और बोर्ड के अधिकारियों के संपर्क में है. वो स्कूल की लापरवाही का हर्जाना छात्र-छात्राएं को नहीं भुगतने देंगी.
एसएसपी कार्यालय पहुंचे स्टूडेंटस के माता-पिता
पीड़ित छात्र-छात्राएं अपने माता-पिता के साथ लुधियाना ग्रामीण एसएसपी के कार्यालय पहुंचे, इस दौरान उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि उनके बच्चे परीक्षा केंद्र पर परीक्षा देने समय पर पहुंच गए थे. उनका पंजाबी विषय का पहला पेपर था. स्कूल की तरफ से उन्हें पर्ची पर कुछ रोल नंबर लिखकर दिए गए थे और कहा गया था कि उनके प्रिंट परीक्षा केंद्र पहुंचने के बाद दिए जाएंगे. लेकिन रोल नंबर नहीं मिलने की वजह से परीक्षा केंद्र के अधिकारियों द्वारा छात्र-छात्राओं को परीक्षा में नहीं बैठने दिया. बताया जा रहा है कि निजी स्कूल की तरफ से इन स्टूडेंटस का पंजीकरण बोर्ड में करवाया ही नहीं गया है. जिस वजह से बच्चों का एक साल खराब हो सकता है. ऐसे में निजी स्कूल पर सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
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