Punjab के मलेरकोटला जिले की पंचायत का फरमान, 'ईसाइयों को चर्च के लिए जगह देने वाला होगा गुनहगार'
Malerkotla News: मलेरकोटला के जलवाना गांव की पंचायत ने गांव के लोगों को ईसाई धर्म से जुड़े परिवारों के साथ कोई रिश्ता नाता नहीं रखने का फरमान सुनाया है. उनका साथ देने वाले को गुनहगार भी बताया है.
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Punjab News: पंजाब की मलेरकोटला (Malerkotla) जिले की पंचायत ने एक अजीबोगरीब फरमान जारी करते हुए ईसाई धर्म के लोगों का गांव की ओर से बहिष्कार (Boycott) कर दिया है. ये फैसला सच में चौंकाने वाला है क्योंकि इस गांव में सभी धर्मों के लोग आपस में मिलकर रहते हैं. हाल ही में गांव में मस्जिद (Masjid) बनाने के लिए जगह देने का प्रस्ताव भी डाला गया था. लेकिल आज पंचायत ने ईसाई धर्म के लोगों के भाईचारे का बहिष्कार कर दिया.
आइए समझते हैं आखिर क्यों खड़ा हुआ विवाद
जलवाना पंचायत द्वारा डाले गए प्रस्ताव पर पंचायत और गांव के लोग कायम हैं और कह रहे हैं कि जो भी फैसला किया गया है वो सही है. इसके पीछे का तर्क बताते हुए वो कहते हैं कि देशभर में श्रीगुरु गोविंद सिंह जी के साहबजादो और माता गुजर कौर का शहीदी दिवस मनाया जा रहा था. इसको लेकर समूचे सिख समुदाय में गम का माहौल था. लेकिन उनके गांव में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके नाम के पीछे तो सिंह लगा हुआ है, लेकिन वो लोग ईसाई धर्म से जुड़े हुए हैं. 25 दिसंबर को क्रिसमस के दौरान गांव में पटाखें फोड़े गए जिसको लेकर उन्होंने जब एतराज जताया और गुरुदुवारा साहिब (Gurudwara Sahib) में जाकर माफी मांगने के लिए कहा. तब ईसाई धर्म से जुड़े इन लोगों ने मना कर दिया. जिसके बाद गांव के मुखिया और पूरे गांव की सहमति से पंचायत में यह प्रस्ताव ड़ाला गया कि ईसाई धर्म से जुड़े इन लोगों से कोई रिश्ता नहीं रखेगा और ना ही इनको गांव में कोई धार्मिक स्थल बनाने के लिए जगह दी जाएगी जब तक यह लोग अपने नाम के पीछे से सिंह या कौर नहीं हटा लेते.
ईसाई धर्म को मनाने वाले लोगों को हटाना होगा अपना सरनेम
गांव के मुखिया ने कहा कि हमारा किसी धर्म से कोई मतभेद नहीं है. कुछ दिनों पहले ईसाई धर्म के साथ जुड़े हुए इन परिवारों में मौत हो गई थी. जहां दफनाकर अंतिम संस्कार किया गया और उसके ऊपर एक पौधा लगा दिया गया तो उनके सिख धर्म (Sikh Religion) के बिल्कुल उल्ट है. गांव के लोगों का कहना है कि इन ईसाई धर्म के लोगों के नाम के पीछे सिंह और कौर लगा हुआ है. ऐसा गांव में होता रहा तो उनकी आने वाली पीढ़ियों पर इसका असर पड़ेगा. इस मामले को लेकर जब मलेरकोटला जिले के उपायुक्त जितेंद्र जोरवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा मुझे मामले की जानकारी नहीं है. लेकिन वो अब इस मामले की जांच करवाएंगे.
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