Manipur Violence: महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना पर भड़के CM मान, कहा- ‘घिनौनी वारदात को अंजाम देने वालों...'
मणिपुर की घटना को लेकर विपक्ष लगातार बीजेपी पर हमलावर है. सीएम भगवंत मान ने कहा कि मणिपुर के हालातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है हालात दिन-ब-दिन बिगड़ रहे हैं.
Punjab News: मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी के मामले को लेकर लगातार केंद्र सरकार को घेरा जा रहा है. केंद्र की बीजेपी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मणिपुर की घटना को लेकर पीएम मोदी को घेरा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मणिपुर की घटना बेहद शर्मनाक है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है. हमारे समाज में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती.
सीएम मान ने आगे लिखा कि मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त और मिसाली कार्रवाई होनी चाहिए, साथ ही मणिपुर के हालातों पर भी ध्यान देने की जरूरत है जो दिन-ब-दिन बिगड़ते जा रहे हैं.
‘केंद्र सरकार एनडीए की रणनीति में व्यस्त’
पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने भी केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि मणिपुर जल रहा है, भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार चुप है. भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार एनडीए की रणनीति में व्यस्त है. डबल इंजन? मणिपुर के वीडियो ने देश और सरकार की आत्मा को झकझोर दिया है. ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है, जबकि भयानक अपराध के अपराधी अभी भी खुले घूम रहे हैं. न्याय?
मणिपुर की घटना बेहद शर्मनाक है और इसकी जितनी निंदा की जाए कम है...हमारे समाज में इस तरह की घटना बर्दाश्त नहीं की जा सकती...
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 20, 2023 [/tw]
मैं प्रधानमंत्री जी से अपील करता हूं कि इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त और मिसाली कार्रवाई होनी चाहिए...साथ ही मणिपुर के हालातों पर भी…
क्या है मणिपुर का पूरा मामला
दरअसल, मणिपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ लोगों की टोली 2 महिलाओं को बिना कपड़ों के सड़क पर घुमा रही है. जिसको लेकर मणिपुर राज्य सरकार और केंद्र सरकार पर विपक्ष हमलावर है. केंद्र सरकार की तरफ से ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वायरल वीडियो को शेयर ना करने का निर्देश दिया है. इस आदेश में कहा गया है कि ये सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म की ज़िम्मेदारी कि वो देश के कानून का पालन करें.