No Confidence Motion Live: लोकसभा में विपक्ष की ओर से मणिपुर (Manipur) के मुद्दे पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव (No Confidence Motion) पर चर्चा चल रही है. इस चर्चा में पंजाब से कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने भी हिस्सा लिया और कहा कि मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर अविश्वास प्रस्ताव इसलिए जरूरी है कि अगर पूर्वोत्तर के किसी एक राज्य में गड़बड़ी होती है तो यह पूरे पूर्वोत्तर और भारत को प्रभावित करता है.
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में आनंदपुर साहिब से सांसद मनीष तिवारी ने चेयर को संबोधित करते हुए कहा, ''यह अविश्वास प्रस्ताव मणिपुर को केंद्रित रखते हुए लाया गया है. इसलिए मणिपुर की सामरिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए मैं अपनी बात रखना चाहता हूं. जब हमारे गणराज्य की संरचना हो रही थी तो जो सरहद के जो राज्य थे, उन्हें भारत के साथ और मजबूत तरीके से और संगठित तरीके से जोड़ने के लिए संविधान में विशेष प्रावधान किए गए थे.''
मनीष तिवारी ने पूर्वोत्तर के विशेष प्रावधान का किया जिक्र
मनीष तिवारी ने इन राज्यों के लिए संविधान में किए गए विशेष प्रावधानों का जिक्र करते हुए कहा, ''धारा 370 कश्मीर के लिए, 371 ए नागालैंड और 371 बी असम, 371 सी मणिपुर, धारा 371 एफ सिक्किम धारा 371 जी मिजोरम, और धारा 371 एच अरुणाचल प्रदेश के लिए है. क्योंकि मणिपुर एक तरफ म्यांमार से लगता है दूसरी तरफ नगालांड, मिजोरम और असम से जुड़ा है. इसलिए जब भी उत्तर पूर्व के किसी राज्य में उथल पुथल होती है और स्थिरता भंग होती है तो इसका असर सिर्फ उस राज्य पर नहीं बल्कि पूरे पूर्वोत्तर पर पड़ता है.''
पूरे पूर्वोत्तर पर हो रहा नकारात्मक असर- मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता तिवारी ने कहा, ''सीधा उदाहऱण यह है कि जो दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं उससे मिजोरम में आह्वान किया गया जो मूल निवासी हैं. वे वहां से चले जाएं. नगालैंड से भी गड़बड़ी की खबर आई है. अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लाया गया है कि अगर किसी राज्य में कोई गड़बड़ी होती है तो उसका नकारात्मक असर पूर्वोत्तर और भारत पर पड़ता है.''
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