Punjab News: पंजाब में महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी (Manisha Gulati) को पद से हटाने के फैसले को पंजाब सरकार (Punjab Government) ने वापस ले लिया है. पंजाब सरकार ने इस बारे में हाईकोर्ट (Punjab & Haryana High Court) को भी सूचित कर दिया है. आपको बताते चलें कि महिला आयोग की चेयरपर्सन के पद से हटाने के बाद मनीषा गुलाटी ने पंजाब सरकार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. मनीषा गुलाटी की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार से नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था.


18 मार्च 2024 तक दी गई थी एक्सटेंशन


महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी की तरफ से सीनियर एडवोकेट चेतन मित्तल ने याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में यह भी बताया गया था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार के कार्यकाल के दौरान मार्च 2018 में मनीषा गुलाटी को पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था और उन्हें बाद में 18 मार्च 2024 तक एक्सटेंशन दे दी गई थी. वही 31 जनवरी को पंजाब सरकार ने उनका विस्तार आदेश रद्द कर दिया था. 


मीटू मामले में चर्चा में आई थीं मनीषा गुलाटी


पंजाब महिला आयोग की चेयरपर्सन मनीषा गुलाटी वैसे तो महिलाओं के हक में फैसले लेने के लिए अक्सर चर्चाओं में रहती है लेकिन पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के मीटू मामले को उठाने के बाद वो लाइमलाइट में आई थी. महिलाओं के अलावा मनीषा गुलाटी ने विदेश भाग चुकी महिलाओं के पतियों की आवाज भी उठाई थी. गुलाटी को पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की नजदीकी माना जाता है. मनीषा गुलाटी पहले कांग्रेस में थी उसके बाद उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कहकर 20 फरवरी 2022 को बीजेपी का दामन थामा. कांग्रेस छोड़ने के बाद उन्होंने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस में उनकी डिग्निटी को हर्ट किया गया था. हिन्दू होने की वजह से उन्हें टारगेट किया गया, पर्सनल रंजिश निकाली गई.   


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