Manu Bhaker Paris Olympics 2024: हरियाणा की 22 साल की मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में कांस्य पदक जीती हैं. मनु भाकर ने निशानेबाजी में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनकर इतिहास रच दिया. निशानेबाजी में ओवरऑल ओलंपिक पदक के लिए 12 साल का इंतजार खत्म हुआ.
आखिरी बार भारत ने ओलंपिक में पदक 2012 में लंदन संस्करण में जीते थे जब रैपिड-फायर पिस्टल निशानेबाज विजय कुमार ने रजत और 10 मीटर एयर राइफल के निशानेबाज गगन नारंग ने कांस्य पदक जीता था.
'अब नेक्स्ट टारगेट गोल्ड है'
जीत के इस ऐतिहासिक मौके पर मनु भाकर की मां सुमेधा भाकर ने कहा है कि अब नेक्स्ट टारगेट गोल्ड है और हमें लगता है कि पूरा हो जाएगा, मनु के प्रति जो आपलोगों ने प्यार दिखाया है उसके लिए आपलोगों का धन्यवाद. उन्होंने कहा कि मेरी मनु से कोई उम्मीद नहीं थी बस यही इच्छा थी कि वह जहां भी जाये खुश होकर घर आये, मनु जब स्कूल में थी तो जिस हाउस में रहती थी उसी हाउस में सभी आने की इच्छा रखते थे.
आगे उन्होंने कहा कि औरत जब आगे बढ़ती तो उसे गिराने वाले भी होते है, ससुराल में भी मैंने संघर्ष करके आगे बढ़ी, मनु के लिए मैं खाने का ध्यान रखती थी, मैं कोई मैसेज नहीं देना चाहती बस इतना कहना चाहती हूं कि उसने मेहनत की ...सभी खिलाड़ी मेहनत करके वहां गए है, इसलिए चाहती हूं कि सभी खुश होकर लौटे.
10-12 घंटे करती थी तैयारी
मनु भाकर को लेकर उनकी मां ने कहा कि वह तैयारी 10-12 घंटे करती थी, पहला घर शूटिंग रेंज था, वह सिर्फ सोने आती थी, मैं स्कूल में 15 साल रही जिसके लिए मुझे ससुराल का साथ नहीं मिला, मेरी मांग है कि मुझे सरकारी नौकरी मिले या योग के लिए कुछ मिले. ग्रामीण अंचल में महिलाओं को तुच्छ नजर से देखा जाता है, इसलिए मैं चाहती हूं कि उनके लिए कुछ करूं.
मनु भाकर की मां ने कहा कि मनु से काफी अच्छे उसके दोस्त थे, लेकिन परिवार का साथ नहीं मिलने से वे पीछे रह गए, बिना परिवार के कोई आगे नहीं बढ़ सकता, मैं मनु से कोई काम नहीं करवाती थी, मैंने मनु से कोई काम नहीं करवाया, गांव में बेटियां बहुत कुछ करना चाहती है लेकिन नहीं कर पाती, भाईयों के लिए संदेश है कि वे बहनों को न दबाएं.
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