Punjab UPSC Topper: सिविल सेवा परीक्षा में पंजाब के बच्चों ने लहरया परचम, गामिनी सिंगला ने माता-पिता को दिया सफलता का श्रेय
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा सोमवार को रिजल्ट जारी कर दिया गया. इसमें पंजाब के बच्चों ने भी कमाल किया है. आनंदपुर साहिब की गामिनी सिंगला ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2021 में AIR 3 हासिल की.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट सोमवार को संघ लोक सेवा आयोग द्वारा घोषित किए गए. इस परीक्षा में श्रुति शर्मा ने पहली, अंकिता अग्रवाल ने दूसरी और गामिनी सिंगला ने तीसरी रैंक हासिल की. पंजाब के बच्चों ने सिविल सेवा परीक्षा में अपना परचम लहराया है. आनंदपुर साहिब की गामिनी सिंगला ने सिविल सेवा परीक्षा-2021 में AIR 3 हासिल की और गामिनी सिंगला ने अपनी इस सफलता पर कहा कि कड़ी मेहनत और माता-पिता के समर्थन ने मुझे आईएएस अधिकारी बनने के अपने बचपन के सपने को हासिल करने में मदद की है. गामिनी के पिता डॉ आलोक सिंगला और डॉ नीरजा सिंगला पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में चिकित्सा अधिकारी हैं और उनके भाई आईआईटी, खड़गपुर से स्नातक हैं.
इसके साथ ही सिविल सेवा परीक्षा में तीसरी रैंक हासिल करने वाली गामिनी ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज चंडीगढ़ से पढ़ाई की है. गामिनी ने अपनी पढ़ाई के बारे में कहा कि उन्होंने कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने के तुरंत बाद परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और फिर दूसरे प्रयास में परीक्षा पास कर ली. आनंदपुर साहिब में दसवीं कक्षा तक की शिक्षा पूरी करने के बाद उनके परिवार ने उन्हें आगे की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ भेज दिया. गामिनी ने कहा मेरे परिवार के सभी सदस्यों, विशेषकर मेरे पिता ने मेरी बहुत मदद की है, हम सभी हर उस चीज पर चर्चा करते थे जिससे मुझे अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली. इतना ही नहीं मेरा समय बचाने के लिए, मेरे पिता मेरे लिए अखबारों से जानकारी लेकर कटिंग करके रखते थे.
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किसान और शिक्षक के बेटे ने भी पास की परीक्षा
वहीं मुक्तसर के भुल्लर गांव के 26 वर्षीय जसपिंदर सिंह ने सिविल सेवा परीक्षा में 33वीं रैंक हासिल की है और अपने माता-पिता सहित क्षेत्र का नाम रोशन किया है. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले जसपिंदर ने अपने पहले प्रयास में ही परीक्षा पास कर ली है. जसपिंदर ने साल 2019 में पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से बीए, एलएलबी (ऑनर्स) किया है, उन्होंने अकाल अकादमी मुक्तसर से बारहवीं कक्षा में गैर-मेडिकल स्ट्रीम में डिस्टिंक्शन के पढ़ाई की.
जसपिंदर के सिविल सेवा परीक्षा पास करने पर उनके पिता नछत्तर सिंह भुल्लर ने कहा मेरा बेटा हमेशा एक अधिकारी बनना चाहता था और देश की सेवा करना चाहता था. जसपिंदर ने साल 2019 से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी, इसके बाद लॉकडाउन के समय उसने अपने दम पर पढ़ाई की. जब लॉकडाउन हटा तो उन्होंने दिल्ली के एक निजी संस्थान से लगभग छह महीने तक कोचिंग ली.
पंजाब के एक और बेटे ने भी पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा पास की है, पटियाला के 23 वर्षीय नमन सिंगला ने सिविल सेवा परीक्षा में 47वीं रैंक हासिल की है. पटियाला के प्रोफेसर कॉलोनी में रहने वाले सिंगला ने यादवेंद्र पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की और सेंट स्टीफंस कॉलेज दिल्ली से बीए (राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र) किया. इसके बाद उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू की, नमन ने कहा कि लोगों ने सुझाव दिया है कि मुझे आईएएस का विकल्प चुनना चाहिए. वहीं उनके पिता नीरज कुमार सिंगला और मां मोनिका सिंगला ने कहा, हम उसके साथ आईएएस अधिकारियों की सफलता की कहानियां साझा करते थे. हम उसके लिए खुश हैं, यह हमारे लिए एक सपने के सच होने जैसा है. इसके साथ ही पंजाब के अबोहर में एक शिक्षक-दंपत्ति के बेटे सुजावल जग्गा ने परीक्षा में 84वीं रैंक हासिल कर अपने माता-पिता और छोटे शहर का नाम रोशन किया है.