Haryana Politics: हरियाणा के करनाल में नेशनल हाईवे पर सोमवार को आदमपुर सीट से बीजेपी विधायक भव्य बिश्नोई का जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान उन्होंने हिसार में बीजेपी की हुई हार के पीछे की वजह का खुलासा किया और दावा किया कि प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनने जा रही है.


पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिसार लोकसभा सीट पर हुई बीजेपी की हार का कारण टिकट वितरण में गलती है. अगर चौधरी कुलदीप बिश्नोई को टिकट मिलता तो हरियाणा में सबसे बड़ी जीत होती. हिसार लोकसभा सीट से कुलदीप बिश्नोई चुनाव लड़ना चाह रहे थे, लेकिन पार्टी ने रंजीत सिंह को टिकट देकर मैदान में उतारा था. इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार की जीत हुई और बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.


'फैसला तो पार्टी हाईकमान करेगा'
बीजेपी विधायक ने कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा और कुमारी सैलजा की यात्राओं पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके बीच गुटबाजी चल रही है. सरकार के खिलाफ बोलने से पहले इन लोगों को अपना झगड़ा देखना चाहिए. इन लोगों ने लोकसभा चुनाव से पहले भी यात्रा निकाली थी, उसका परिणाम सभी के सामने है. अपने पिता कुलदीप बिश्नोई के राज्यसभा जाने के सवाल पर भव्य ने कहा कि मेरे पिता जी बहुत बड़े नेता हैं. राज्यसभा के लिए वह हर प्रकार से सक्षम और तैयार हैं. लेकिन, राज्यसभा भेजने का फैसला तो पार्टी हाईकमान करेगा.


'विकास कार्यों में तेजी लाने का प्रयास कर रहा हूं'
समय से पहले विधानसभा चुनाव होने की आशंका को लेकर उन्होंने कहा कि बीजेपी तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. मेरे ऊपर युवा मोर्चा का प्रभार है, मैं हर जिले और विधानसभा में जाने की कोशिश कर रहा हूं. आदमपुर में भी विकास कार्यों में तेजी लाने का प्रयास कर रहा हूं. बीजेपी ने हरियाणा और देश में जन हितैषी योजनाओं को लागू करने का प्रयास किया है. जनता चाहती है कि तीसरी बार भी बीजेपी सरकार बने.


'उनके पिता कांग्रेस के टिकट पर यहां से विधायक थे'
बता दें कि भव्य बिश्नोई हरियाणा के आदमपुर लोकसभा सीट से विधायक हैं. इससे पहले उनके पिता कांग्रेस के टिकट पर यहां से विधायक थे. पिछले साल ही उन्होंने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ आने का फैसला लिया था. कांग्रेस छोड़ने के बाद कुलदीप विश्नोई ने आदमपुर विधानसभा सीट की सदस्यता से इस्तीफा दिया और फिर अपने बेटे भव्य को बीजेपी के टिकट पर आदमपुर से चुनाव लड़ाया, जिसमें उन्हें जीत मिली और वह विधानसभा पहुंचे.


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