Haryana News: दिल्ली (Delhi) से सटे साइबर सिटी गुरुग्राम (Gurugram) के मानेसर में मोनू मानेसर (Monu Manesar) के समर्थन में बुधवार को विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल (Bajrang Dal) के सदस्यों के साथ-साथ आस-पास के गांव के लोगों ने महापंचायत का आयोजन किया. महापंचायत में हिंदू संगठन के सूरज सिंह नंबरदार, देवेंद्र यादव और धर्मेंद्र यादव के अलावा सभी लोगों में हरियाणा सरकार के खिलाफ रोष नजर आया. लोगों का आरोप है कि जब कांग्रेस के विधायक मामन खान की जमानत हो गई है तो मोनू मानेसर की जमानत क्यों नहीं हो रही है.
इस दौरान ग्रामीणों ने यह भी कहा कि मोनू मानेसर पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है, जो पुलिस बता रही है, वह गलत मामला है. इसके साथ-साथ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि राजस्थान के डीजीपी ने मोनू मानेसर पर लगे हत्या के आरोप को भी खारिज कर दिया था. फिर भी मोनू मानेसर को वहां की पुलिस ले गई.
11 सदस्यीय कमेटी का गठन
महापंचायत में मोनू मानेसर की रिहाई के साथ-साथ कई मुद्दे भी रखे गए. इस पंचायत में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है और 7 अक्टूबर की तारीख तक अगली महापंचायत पर निर्णय लेने के लिए कहा गया है. बाबा भीष्म मंदिर में इस महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें बीएचपी और हिंदू संगठन के तमाम सदस्य शामिल हुए. इस बैठक में तमाम लोगों की तरफ से फैसला लिया गया है कि 11 सदस्यों की कमेटी यह सुनिश्चित करेगी कि अगली बैठक कब होनी है. साथ ही एक महापंचायत भी राजस्थान में की जाएगी.
'मोनू मानेसर को बेवजह फंसाया जा रहा'
फिलहाल बीएचपी और बजरंग दल के सदस्यों का यह कहना है कि मोनू मानेसर को बेवजह फंसाया जा रहा है. उसका किसी भी केस में कहीं नाम नहीं है, जबकि बेवजह उसे राजस्थान पुलिस इस केस में फंसाने की कोशिश कर रही है. राजस्थान पुलिस को इस बात का सबूत भी दिया हुआ है कि जुनैद और नासिर की जिस वक्त हत्या हुई, उस वक्त मोनू मानेसर वहां मौजूद नहीं था. अब 7 अक्टूबर को एक पंचायत और की जाएगी, इसका फैसला 11 सदस्यीय कमेटी करेगी. इसके साथ साथ महापंचायत में यह भी फैसला लिया गया है कि अगर मोनू मानेसर की रिहाई न हुई तो अगली महापंचायत में कड़े फैसले लिए जाएंगे.
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