Punjab News: स्वर्ण मंदिर के लंगर की सूखी और जूठी रोटियों की नीलामी में करोड़ों रुपए के घोटाले का मामला सामने आया है. जिसको लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का फ्लाइंग स्क्वायड जांच कर रहा है. आपको बता दें कि अप्रैल, 2019 से दिसंबर 2022 तक सूखी व जूठी रोटियों की नीलामी में यह घोटाला हुआ है.
SGPC के फ्लाइंग स्क्वायड की तरफ से जब जांच शुरू की गई थी तो सूखी व जूठी रोटियों के अलावा सफाई के बाद बची सामग्री और धान आदि की बिक्री में 62 लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी लेकिन अब ये घोटाला एक करोड़ से ऊपर पहुंच गया है.
किसे ठहराया गया घोटाले के लिए दोषी
SGPC के फ्लाइंग स्क्वायड की तरफ से इस घोटाले के लिए करीब डेढ़ दर्जन मैनेजर, स्टोरकीपर, सुपरवाइजर और इंस्पेक्टर को दोषी ठहराया गया है. अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक, इस अलावा घोटाला में श्री हरमंदिर साहिब के प्रबंधक समेत 3 रिटार्यड प्रबंधकों का भी नाम सामने आया है. SGPC के फ्लाइंग स्क्वायड ने अब दोषी अधिकारियों से घोटाले की राशि वसूलने के लिए कहा गया है.
2 स्टोरकीपर निलंबित
फ्लाइंग स्क्वायड की तरफ से 2 स्टोरकीपरों को निलंबित किया गया है और उनसे रिकवरी का आदेश भी दिया गया है. अब मामले में धीरे-धीरे अन्य लोगों के नाम भी सामने आ रहे है. वहीं मैनेजर समेत कुछ कर्मचारी खुद को निर्दोष बताते हुए पैसा देने से मना कर रहे है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसजीपीसी अध्यक्ष के निजी सहायक सतबीर सिंह का कहना है कि घोटाले की गहनता से जांच की जा रही है जो भी अधिकारी कर्मचारी इसके लिए जिम्मेदारी होगा उसी से हर्जाना वसूल किया जाएगा.
कैस हुआ घोटाला
आपको बता दें कि श्री हरमंदिर साहिब के लंगर में रोजाना बड़ी मात्रा में रोटियां बच जाती है. जिनको एक जगह स्टोर किया जाता है और इनकी बिक्री के लिए टेंडर बुलाया जाता है. अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलीभगत कर तय शर्तों को नजरअंदाज कर टेंडर दिए और हेराफेरी कर टेंडर की रकम ज्यादा बताकर राशि को हड़प लिया गया.