(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Punjab News: फिर से होगी नायब तहसीलदारों की भर्ती! नौकरी दिए बिना ही सरकार ने कमाए थे 23.40 करोड़
Chandigarh: पंजाब में नायब तहसीलदारों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू होने की संभावना है. सूत्रों के अनुसार अब राजस्व विभाग के सचिव ने पत्र जारी कर इस भर्ती को फिर से करने को कहा है.
Punjab News: पंजाब में नायब तहसीलदारों की भर्ती फिर से शुरू होने की संभावना है. भर्ती विवादों में फंसी थी, जिसकी जांच अभी चल रही है. बताया जा रहा है कि राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन विभाग ने पंजाब लोक सेवा आयोग को नायब तहसीलदारों की फिर से भर्ती करने के लिए कहा है. हालांकि किसी अधिकारी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. आपको बता दें कि यह भर्ती विवाद के चलते रद्द कर दी गई थी.
पत्र लिखकर पेपर दोबारा करवाने की मांग
सूत्रों के अनुसार अब राजस्व विभाग के सचिव (राजस्व) ने पत्र जारी कर इस भर्ती को फिर से करने को कहा है. पत्र में लिखा है कि डीजीपी पंजाब की जांच रिपोर्ट के अनुसार यह स्पष्ट हो गया है कि इस पेपर में फर्जीवाड़े हुए हैं. इसलिए इस पेपर को फिर से लिया जाना चाहिए. वही आपको बता दें कि 78 नायब तहसीलदारों की भर्ती के लिए परीक्षा 22 मई 2022 को आयोजित की गई थी, लेकिन परीक्षा तब विवादों में घिर गई जब कई उम्मीदवारों ने मांग थी की कि पेपर अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी में भी आयोजित किया जाना चाहिए लेकिन पीपीएससी के अध्यक्ष के अनुसार नियमानुसार इस पेपर को अंग्रेजी में लेने की बात कही गई थी. इसके बाद अभ्यर्थी हाईकोर्ट चले गए. नायब तहसीलदार के पेपर का रिजल्ट अक्टूबर 2022 में घोषित किया गया था लेकिन उस समय पीपीएससी पर इस पेपर में हेरफेर का आरोप लगा था. अब ये भर्तियां नए सिरे से होने की संभावना है. हालांकि इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है.
चयनित उम्मीदवारों ने की नियुक्ति की मांग
वही जनवरी महीने में चंडीगढ़ की प्रेस क्लब में नायब तहसीलदारों के लिए चयनित उम्मीदवारों ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर नियुक्ति की मांग की थी. उनका कहना था कि फर्जीवाड़े के दोषियों का जब पता चल चुका है और उनके खिलाफ चार्जशीट जारी की जा चुकी है तो उन्हें नियुक्ति क्यों नहीं दी जा रही है.
78 हजार उम्मीदवारों ने किया था आवेदन
सरकार ने नायब तहसीलदारों के 78 पदों को भरने के लिए दिसंबर 2020 में नोटिफिकेशन जारी किया था. 78 पदों के लिए करीब 78 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया. इस पद पर आवेदन के लिए आवेदन शुल्क 3000 रुपये प्रति उम्मीदवार रखा गया था. इस हिसाब से सरकार ने करीब 23.40 करोड़ रुपये आवेदकों से कमा लिए. लेकिन परीक्षा में नकल और बाहरी लोगों द्वारा परीक्षा में बैठने को लेकर इसे रद्द कर दिया गया.
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