Punjab News: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब में एक बड़ी कार्रवाई की है. पर्यावरण को खतरे में डालने का हवाला देते हुए एनजीटी ने 85 उद्योगों को बंद करने का आदेश दिया है. वही 4452 औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. यह जानकारी आप सांसद संत बलवीर सिंह सीचेवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे राज्यसभा में दी है. पंजाब में जल प्रदूषण की एक बड़ी वजह औद्योगिक कचरे का निस्तारण नियमों के अनुसार ना होना है.
औद्योगिक इकाइयां पर्यावरण मानकों की नहीं करती पालना
केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के अनुसार पंजाब की औद्योगिक इकाइयां पर्यावरण मानकों का पालन नहीं कर रही है. पंजाब की पांच नदियों भी प्रदूषण झेल रही है. पंजाब में स्थापित 25374 औद्योगिक इकाइयों में से 2906 औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी है. जबकि अब सिर्फ 22468 औद्योगिक इकाइयां चालू है. चेतावनी के बावजूद पंजाब की 28 प्रतिशत चालू औद्योगिक इकाइयों द्वारा पर्यावरण मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है. जबकि पंजाब के पड़ोसी राज्यों हरियाणा और हिमाचल में ये अनुपात काफी सही है. हरियाणा में 1.50 प्रतिशत तो हिमाचल में 3.03 प्रतिशत है.
85 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश
पर्यावरण मानकों की पालना ना करने की वजह से अब 4452 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. वही 85 औद्योगिक इकाइयों को बंद करने के आदेश दिए गए है. वही 1756 औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है. एनजीटी ने केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए है. उद्योगों को उद्योग स्थापित करने और उनका संचालन करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सहमति लेनी होती है. बोर्ड की तरफ से उद्योगों के कचरे के निपटान को लेकर कई नियम निर्धारित किए जाते है. वही इन नियमों का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई किए जाने का भी प्रावधान है.
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