Navjot Sidhu: पटियाला जेल से कल रिहा हो सकते हैं नवजोत सिंह सिद्धू, ट्विटर पर शेयर की जानकारी
Navjot Singh Sidhu: क्रिकेटर, कॉमेडियन और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू 1990 के रोड रेज मामले में एक साल की सजा होने के बाद 20 मई 2022 से पटियाला जेल में बंद हैं.
Punjab News: कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) कल पटियाला जेल (Patiala Jail) से रिहा हो सकते हैं. सिद्धू के ट्विटर हैंडल से ये जानकारी साझा की गई है. हालांकि पंजाब सरकार (Punjab Government) ने इसकी विधिवत जानकारी नहीं दी है. अभी कैदियों की रिहाई पर बैठकों का दौर चल रहा है. इस बीच सिद्धू नेकंसर्न्ड अथॉरिटी द्वारा साझा जानकारी के आधार पर ये सूचना पोस्ट की है. आपको बता दें कि 1990 के रोड रेज मामले में एक साल की सजा होने के बाद 20 मई 2022 से पटियाला जेल में बंद हैं.
सजा पूरी होने से 48 दिन पहले रिहाई
नवजोत सिंह सिद्धू को 19 मई 2022 को एक साल की सजा सुनाई गई थी. इस लिहाज से 18 मई तक उन्हें जेल में रहना पड़ता. लेकिन जेल के नियमों के अनुसार, कैदियों को हर महीने 4 दिन की छुट्टी दी जाती है. सजा के दौरान सिद्धू ने एक भी दिन की छुट्टी नहीं ली. इस लिहाज से उनकी सजा 48 दिन पहले मार्च के आखिर तक पूरी हो जाएगी.
गणतंत्र दिवस को भी थी उम्मीद
आपको बताते चलें कि इससे पहले 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर भी सिद्धू के जेल से बाहर आने की खबरें सामने आई थीं. उम्मीद की जा रही थी कि जिन 50 कैदियों को गणतंत्र दिवस पर विशेष छूट दी जाती है उनमें सिद्धू का नंबर भी आ सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हो सका और आखिरी वक्त पर सिद्धू के समर्थकों को बड़े-बड़े बैनर और होर्डिंग्स के साथ वापस लौटना पड़ा.
पंजाब की राजनीति का बड़ा नाम
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की राजनीति का एक ऐसा नाम है जो हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. बीजेपी (BJP) से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले सिद्धू कांग्रेस (Congress) में भी एक दमदार पारी खेल रहे हैं. बीजेपी से किनारा कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू की पंजाब की राजनीति में एक बड़ी अहमियत मानी जाती है. सियासी तौर पर सिद्धू ने खुद को मजबूत बनाया हुआ. जो उन्हें और नेताओं से अलग बनाती है. शायद इसी कारण बीजेपी ने उन्हें तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़वाया था. सिद्धू की ये ताकत कांग्रेस में आने के बाद भी बरकरार रही. इसी के चलते कांग्रेस ने अपने कद्दावर नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह की इच्छा के विपरीत जाकर सिद्धू का समर्थन किया.