Punjab News: दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के पहलवान काफी दिनों से धरने पर बैठे हैं. गुरुवार देर रात पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच बवाल हो गया, जिसको लेकर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.


सिद्धू ने ट्वीट कर लिखा, 'राष्ट्रवाद की बात करने वाले सत्ता के नशे में इस कदर चूर हैं कि वे विरोध करने वाले "सत्याग्रहियों" को डराते-धमकाते और गाली-गलौज करते हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाया है. शराब के नशे में धुत पुलिसकर्मी महिला चैंपियन के साथ बदसलूकी करते हैं और विरोध स्थल पर मौजूद एक भी महिला पुलिसकर्मी के बिना धमकी देना शर्मनाक है. यह लोकतंत्र की आड़ में निरंकुशता को दर्शाता है. "मखमली दस्ताने में लोहे के हाथ"!!'


‘शांतिपूर्वक विरोध करना संवैधानिक अधिकार’


नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि शांतिपूर्वक विरोध करना उनका संवैधानिक अधिकार है. पुलिस केवल हिंसा या किसी भी कानून व्यवस्था की स्थिति में हस्तक्षेप कर सकती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था. 



‘1 गुनाह छुपाने के लिए किए जा रहे है 100 गुनाह’


सिद्धू ने लिखा कि बेटियां इज़्ज़त का प्रतीक होती है, भारतीय संस्कृति में दुर्गा का स्वरूप है. उन्हें दर बदर मत भटकाओं..सड़को पर मत रूलाओं..देश देख रहा है इस सत्ता के अहंकार को !! एक दोषी को बचाने के लिए पूरे सिस्टम को गुनहगार बनाया जा रहा है. एक गुनाह छुपाने के लिए 100 गुनाह किए जा रहे है !!


क्यों हुआ पूरा विवाद?


दिल्ली पुलिस के डीएसपी के अनुसार, धरना स्थल पहलवानों के लिए फोल्डिंग बेड लाए गए थे, उनके पास इसकी इजाजत ना होने की वजह से उन्हें इसके लिए मना किया गया था तो प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थक बैरीकेडिंग पर आ गए और बेड लेने की कोशिश करने लगे इससे विवाद खड़ा हो गया. वहीं पहलवानों का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने शराब पीकर उनके साथ विवाद किया मारपीट की कोशिश की.   


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