Punjab News: पंजाब कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की मुश्किलें बढ़ती नज़र आ रही है. सुप्रीम कोर्ट नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) से जुड़े 1988 के एक रोडरेज में मई 2018 में दी गई सजा के पुनर्विचार के अनुरोध वाली याचिका पर 25 मार्च को सुनवाई करेगा. न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की विशेष पीठ के समक्ष मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है.


सोमवार को न्यायमूर्ति खानविलकर और न्यायमूर्ति ए एस ओका की पीठ मामलों की सुनवाई के लिए बैठी. न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा कि विशेष पीठ शुक्रवार को पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगी. न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा, ''यह पीठ शेष कार्य जारी रखने जा रही है. इसलिए, विशेष पीठ के मामले को शुक्रवार दोपहर 2 बजे लिया जा सकता है.''


शीर्ष अदालत ने 25 फरवरी को कांग्रेस नेता सिद्धू को इस मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. जिसमें कहा गया है कि मामले में उनकी सजा केवल जानबूझ कर चोट पहुंचाने के अपराध के लिए नहीं होनी चाहिए थी.


नवजोत सिद्धू की मुश्किल बढ़ने जा रही है


हालांकि शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को 65 वर्षीय व्यक्ति को "जानबूझकर चोट पहुंचाने" के अपराध का दोषी ठहराया था. लेकिन इसने उन्हें जेल की सजा से बख्शा था और 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया था.


बाद में सितंबर 2018 में, शीर्ष अदालत ने मृतक के परिवार के सदस्यों द्वारा दायर एक पुनर्विचार याचिका की पड़ताल करने के लिए सहमति व्यक्त की थी और नोटिस जारी किया था, जो सजा की मात्रा तक सीमित था. इस याचिका के जवाब में सिद्धू ने कहा है कि शीर्ष अदालत ने पुनर्विचार याचिका की सामग्री का सावधानीपूर्वक अध्ययन करने के बाद इसके दायरे को सजा की मात्रा तक सीमित कर दिया है.


उच्चतम न्यायालय ने 15 मई, 2018 को सिद्धू को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार देते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाने का पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का फैसला निरस्त कर दिया था. शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में कांग्रेस नेता को वरिष्ठ नागरिक को चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया था.


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