Navjot Singh Sidhu: सुरक्षा कटौती मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू को निराशा हाथ लगी. सिद्धू की याचिका पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को उनकी जान को खतरे का आकलन करते हुए सिद्धू की सुरक्षा पर एक महीने के अंदर फैसला लेने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह राज्य सरकार का विषय है, इसलिए कोर्ट का इसमें कम से कम हस्तक्षेप होना चाहिए.


सुरक्षा बढ़ाने को लेकर सिद्धू ने दायर की थी याचिका
दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सुरक्षा बढ़ाने को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी, उन्होंने याचिका में कहा था कि उनकी जान को खतरे का आकलन करने के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी थी, रोड रेज केस में एक साल की सजा के बाद उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई थी, तब उन्हें विश्वास दिलाया गया था कि जब वह जेल से वापस आएंगे तो उनकी सुरक्षा को बहाल कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया गया और उनकी सुरक्षा में कटौती कर दी गई. बता दें कि पहले सिद्धू के पास 25 कमांडो का काफिला होता था लेकिन अब वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद उनका काफिला 13 कमांडो का रह गया है.


सुरक्षा घटाने को लेकर राज्य सरकार पर साधा था निशाना
सुरक्षा में कटौती किए जाने पर सिद्धू ने पंजाब सरकार पर जमकर निशाना साधा था, उन्होंने कहा था कि उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं, गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई भी उन्हें धमकियां दे चुका है. ऐसे में पंजाब सरकार उनकी सुरक्षा में कटौती कर उन्हें सिद्धू मूसेवाला की तरह मरवाना चाहती है. 


सिद्धू पर खतरे का कोई इनपुट नहीं- पंजाब सरकार
वहीं पंजाब सरकार ने सिद्धू की जेड प्लस की सुरक्षा बहाल करने की मांग पर कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों और पंजाब के स्पेशल डीजीपी इंटरनल सिक्योरिटी के अनुसार सिद्धू को देश में सक्रिय किसी भी आतंकवादी या गैंगस्टर संगठनों से खतरे का इनपुट नहीं है.


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