Punjab: पंजाब कांग्रेस की कलह जारी है. कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू व्यक्तिगत रैली आयोजित करने की वजह से पार्टी नेताओं के ही निशाने पर आ गए हैं. पार्टी का एक वर्ग ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है. इस पर सिद्धू का बयान आया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि अनुशासन हर किसी के लिए है, यह कुछ लोगों के लिए एक चीज और कुछ के लिए कुछ और नहीं हो सकता है.
राज्य कांग्रेस मामलों के प्रभारी देवेंद्र यादव से मुलाकात करने वाले सिद्धू ने कहा कि उनकी सार्वजनिक बैठकें प्रदेश की उनकी तीन दिवसीय यात्रा से पहले निर्धारित थीं. उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा को लोगों तक ले जाना हर किसी की जिम्मेदारी है. यादव से मिलने जाने से पहले, सिद्धू ने एक्स पर एक गुप्त वीडियो संदेश पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि रीढ़विहीन नेता जो सही के लिए खड़े नहीं हो सकते, वे अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने अपने व्यंग्यात्मक वीडियो संदेश में किसी का नाम नहीं लिया.
नवजोत सिंह सिद्धू ने किस पर किया तंज?
सिद्धू ने कहा, "वे लोग, जिन्होंने एक-एक पैसे के लिए खुद को बेच दिया, जो लोग समझौते करके घुटनों पर थे. आइए बात करते हैं बरगद के पेड़ों की, गमलों में उगने वाले लोगों की. कौड़ी-कौड़ी बिके हुए लोग, समझौता करके घुटनो पे टिके हुए लोग. बरगद की बात करते हैं, गमले में उगे हुए लोग." जब उनसे पूछा गया कि एक्स पर उनका पोस्ट किसके लिए है तो सिद्धू ने कहा कि जनता सब जानती है.
कई कांग्रेस नेताओं की ओर से राज्य इकाई से परामर्श किए बिना रैलियां आयोजित करने के लिए सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने के बाद, देवेंद्र यादव ने कहा था कि वह पूर्व क्रिकेटर से बात करेंगे. गुरुवार को पार्टी के पंजाब मामलों के प्रभारी से मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने और कार्यकर्ताओं को पार्टी की विरासत से जोड़ने के लिए लोगों के बीच जा रहे हैं. लोकतंत्र में जनता ही सबसे बड़ी ताकत है और सभी का कर्तव्य है कि कांग्रेस की विचारधारा को अपनाकर आलाकमान को सर्वोच्च मानें.
पार्टी को नया रूप देना होगा- सिद्धू
सिद्धू ने कहा, "हम इसका पालन करेंगे, लेकिन बिना किसी को बताए कोई आपको वोट कैसे देगा कि पंजाब के लिए क्या करना है." उन्होंने जोर देकर कहा, हमें खुद को (पार्टी को) नया रूप देना होगा और बदलना होगा. सिद्धू ने आगे कहा कि कांग्रेस उन कार्यकर्ताओं के बिना अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती, जो पार्टी की नींव हैं. यह कहते हुए कि वह नींव को मजबूत करने के लिए लोगों के पास जा रहे हैं, सिद्धू ने कहा कि यह पंजाब के पुनरुत्थान के लिए विचारधारा की लड़ाई है. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी रैलियां करना जारी रखेंगे, सिद्धू ने कहा कि उनके सार्वजनिक बैठक कार्यक्रम देवेंद्र यादव की राज्य यात्रा से पहले निर्धारित थे.
कांग्रेस नता ने कहा, "मैंने देवेंद्र यादव से बात की और उन्हें बताया कि मेरे कार्यक्रम पहले से तय थे. क्या मुझे पता था कि (पंजाब मामलों के प्रभारी की) बैठक थी, तो 9 जनवरी को रैली की योजना क्यों बनाई गई? हम भी कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं. किसी को आपत्ति क्यों है" सिद्धू ने राज्य इकाई से परामर्श किए बिना तीन रैलियां की हैं, जिनमें बठिंडा में दो और होशियारपुर में एक रैलियां शामिल हैं. पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने कहा कि उनका 21 जनवरी को एक और सार्वजनिक बैठक करने और 24 जनवरी को करतारपुर साहिब जाने का कार्यक्रम है.
सिद्धू बोले- संवाद टूटता है तो संदेह पैदा होता है
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "मैंने यादव से कहा कि अनुशासन सभी के लिए है." सिद्धू ने कहा कि यह कुछ लोगों के लिए कुछ और और बाकी लोगों के लिए कुछ और नहीं हो सकता. जब संवाद टूटता है तो संदेह पैदा होता है. अब यादव से संपर्क की डोर बंध गई है. जहां संवाद होगा, वहां आत्मविश्वास अपने आप पैदा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी के लिए मिलकर काम करना अच्छा है.
आम आदमी पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन पर एक सवाल का जवाब देते हुए सिद्धू ने कहा कि देश के हित में और लोकतंत्र को बचाने के लिए आलाकमान जो भी फैसला करेगा, वह उसे स्वीकार करेंगे. मतभेद हो सकते हैं और कांग्रेस इसकी अनुमति देती है. उन्होंने कहा कि हमने राहुल गांधी के सामने अपनी राय रखी है. गौरतलब है कि कांग्रेस के कई नेता 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ किसी भी गठबंधन का विरोध कर रहे हैं.
'लड़ाई व्यक्तिगत नहीं वैचारिक'
बाद में अपने ट्वीट में, सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस सेवा, ईमानदारी और नैतिक अधिकार के साथ सच कहने के साहस का प्रतीक है, उन लोगों के विपरीत जो राजनीति को लाभ उद्यम के रूप में देखते हैं. सच्चे कांग्रेसी स्वार्थ के नहीं, सेवा के समर्थक हैं. पंजाब में लड़ाई उन लोगों के बीच है जो राजनीति को लेन-देन का व्यवसाय मानते हैं और जो पंजाब की भावी पीढ़ियों के लिए दृष्टि, नीति और न्याय के साथ खड़े हैं. हमारे कार्यकर्ताओं और कार्यकर्ताओं के भीतर इस जुनून को फिर से जगाना ही ग्रैंड ओल्ड पार्टी और पंजाब को पुनर्जीवित करने का एकमात्र तरीका है. लड़ाई व्यक्तिगत नहीं वैचारिक है.
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