Punjab News: नवजोत सिंह सिद्धू के जेल से बाहर आने के बाद से ही पंजाब कांग्रेस में राजनीतिक अटकलें तेज हो गई है. प्रदेश कांग्रेस में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन अभी तक किसी बड़े नेता ने सिद्धू से मुलाकात नहीं की है. सूत्रों की माने तो रविवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से सिद्धू की फोन पर बातचीत हुई है. लेकिन सिद्धू का अगला सियासी सफर अब आसान नहीं रहने वाला. कांग्रेस में अपनी जगह कायम रखने के लिए उन्हें सियासी जंग लड़नी होगी.
जेल में किसी ने नहीं ली सिद्धू की सुध
कांग्रेस में ज्यादातर नेताओं से सिद्धू के संबंध अच्छे नहीं रहे, शायद यहीं वजह रही कि पटियाला जेल में सजा के दौरान कोई उनसे मिलने तक गया. मनप्रीत सिंह बादल उनसे मिलने जाते थे जो बाद में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके है. विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार और कैप्टन से मुख्यमंत्री पद छीनने और पार्टी से उनके बाहर जाने को लेकर सिद्धू को जिम्मेदार माना जाता रहा है. सिद्धू पर पार्टी में फूट डालने के आरोप भी कांग्रेस के नेता लगाते रहे हैं. वर्तमान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर राजा वड़िंग ने उन्हें पहले ही दरकिनार कर रखा है. लेकिन जिन नेताओं को वड़िंग से दूरी है वो नेता अब सिद्धू से नजदीकियां बढ़ा रहे है. सिद्धू के जेल से छूटने के एक दिन पहले भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शमशेर सिंह दूलो, लाल सिंह, मोहिंदर केपी और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा उनसे मिलने पहुंचे थे.
प्रदेश कांग्रेस में हो सकती है खींचतान
कांग्रेस में तेज होती राजनीतिक अटकलों के बीच माना जा रहा है कि इससे कांग्रेस में गुटबंदी तेज हो जाएगी. पंजाब में कांग्रेस की सरकार के दौरान सिद्धू जिस तरह बड़ी भूमिका में रहे, ऐसे में वो दोबारा पार्टी में कोई बड़ी भूमिका चाह रहे है.
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