कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी. सूत्रों की मानें तो सिद्धु ने पार्टी को बताया है कि पारिवारिक कारणों से वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांग्रेस पंजाब के सभी सांसदों को फिर से टिकट दे सकती है. मनीष तिवारी को चंडीगढ़ से टिकट मिल सकता है.
पंजाब में अभी तक कांग्रेस उम्मीदवारों का एलान नहीं किया है. दिल्ली में जहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन है, वहीं पंजाब में दोनों दलों ने समहति से अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है. सिद्धू लोकसभा चुनाव के लिए हुए आप-कांग्रेस के गठबंधन को सही करार चुके हैं. हाल ही में एबीपी न्यूज़ से बातचीत में उन्होंने कहा था कि जब टारगेट बड़ा हो तो ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं.
नवजोत सिंह सिद्धू का सियासी सफर
नवजोत सिंह सिद्धू राजनीति में आने से पहले क्रिकेट की पिच पर खेलते थे. क्रिकट से राजनीति में आए सिद्धू ने साल 2004 में बीजेपी ज्वाइन किया था. इसी साल उन्होंने पंजाब की अमृतसर सीट से चुनाव लड़ा था और लोकसभा के सदस्य बने. राजनीति में सिद्धू की किस्मत चमकी. वे यहां 2009 और 2014 में भी सांसद चुनकर आए. साल 2016 में नवजोत सिंह सिद्धू की संसद के उच्च सदन में एंट्री हुई.
साल 2017 में सिद्धू ने बीजेपी में अपनी सियासी पारी को खत्म करने का फैसला किया. इसी साल उन्होंने कांग्रेस का 'हाथ' थाम लिया. 2017 में ही सिद्धू ने अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से चुनाव जीता. पंजाब की सरकार में वो मंत्री भी बने. उन्हें पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष भी चुना गया था. तत्कालनी सीएम अमरिंदर सिंह से तल्ख रिश्तों की वजह से सिद्धू सुर्खियों में आ गए थे.
रोड-रेज की घटना में दोषी ठहराए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को जेल में जाना पड़ा. 10 महीने तक जेल में रहे सिद्धू को 2023 की शुरुआत में जेल से रिहा किया गया था.