Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हिमाचल को बीबीएमबी का पानी देने पर एतराज जताया है. उन्होंने हिमाचल द्वारा सिंचाई योजनाओं के वास्ते पानी लेने के लिए एनओसी मांगने की शर्तों को माफ करने पर केंद्र के फैसले पर विरोध जताया है. सीएम मान ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार की तरफ से इस संबंध में बीबीएमबी के अध्यक्ष को निर्देश जारी किया गया है.
‘नए सिरे से हुआ पानी का बंटवारा’
सीएम मान ने कहा हिमाचल प्रदेश को बिजली के लिए भी सर्वोच्च न्यायालय ने 7.19 प्रतिशत हिस्सा दिया गया है. उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्रालय ने जिस प्रकार से पत्र लिखा है उससे यह पता चलता है कि नए सिरे से पानी का बंटवारा हुआ है. जबकि ऊर्जा मंत्रालय को पानी के बंटवारे का कोई हक नहीं है.
‘हिमाचल नहीं कर सकता नदियों के पानी पर दावा’
सीएम मान ने कहा कि सतलुज, रावी और ब्यास नदियों का पानी पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और राजस्थान को अलग-अलग समझौतों के तहत दिया गया है. और यह निर्धारित पानी विशेष नहरी प्रणाली के जरिए सप्लाई होता है. लेकिन हिमाचल इस पानी पर कोई दावा नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि जल संविधान की राज्य सूची-दिव्तीय की प्रविष्टि 17 के अनुसार यह एक राज्य का विषय है.
फैसले को वापस लेने की जरूरत
सीएम मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने तत्काल निर्देश देकर सिंचाई योजनाओं को शामिल कर लिया है. लेकिन वर्तमान समय में नदियों में पानी हर साल घटता चला जा रहा है और सभी के द्वारा पानी की मांग की जा रही है. ऐसे में भागीदार राज्यों को केंद्र के एकतरफा फैसले पर पुनर्विचार कर फैसला वापस लेना चाहिए. सीएम मान ने केंद्र के फैसले को पूरी तरह अनुचित, निराधार और पंजाब के साथ घोर अन्याय बताया.
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