Womens World Boxing Championship: 10 साल की जी तोड़ मेहनत ने दिलाया गोल्ड, नीतू घनघस के परिजन बोल- ‘घर-घर पैदा हो ऐसी बेटी’
भिवानी के गांव धनाना की रहने वाली नीतू घनघस ने महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया है. एक समय ऐसा आया था जब वो कोई मेडल नहीं जीत पा रही थी तो बॉक्सिंग छोड़ने की सोचने लगी थी.
Haryana News: हरियाणा की बेटी ने एक बार फिर देश का मान रोशन किया है. नई दिल्ली में आयोजित हो रही महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए नीतू घनघस ने स्वर्ण पदक जीता है. नीतू घनघस भिवानी जिले के गांव धनाना की रहने वाली है. नीतू घणघस ने 48 किलो भार वर्ग में मंगोलिया की लुटसेखन अलतेंगसेंग को 5-0 से हराकर गोल्ड अपने नाम किया है. नीतू घणघस का एक छोटे से गांव से निकलकर विश्व चैंपियन बनने तक का सफर आसान नहीं रहा है.
‘रिंग में बहाया पसीना की जी तोड़ मेहनत’
हरियाणा के भिवानी जिले के गांव धनाना की रहने वाली नीतू घणघस ने महज दस साल के सफर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. 21 वर्षीय नीतू घणघस सीबीएलयू यूनिवर्सिटी से एमपीएड की पढ़ाई भी कर रही है. जिस समय नीतू ने बॉक्सिंग की शुरूआत की थी, जब उनके क्षेत्र की बहुत कम ही लड़कियां बॉक्सिंग करती थी. 2012 में नीतू ने अपना बॉक्सिंग करियर शुरू किया था, लेकिन 2 साल तक कोई मेडल नहीं जीत पाने की वजह से नीतू ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया ऐसे में नीतू की मां को गांव वाले ताने देते थे कि कौन सा गोल्ड मेडल जीतकर लाएगी जो बॉक्सिंग करवा रहे हो. उस समय मिले तानों का तो नीतू या उनकी मां ने कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन पिता ने नीतू का खूब हौंसला बढ़ाया और 2022 में पहली बार नीतू की मेहनत रंग लाई, राष्ट्रमंडल खेलों में नीतू ने गोल्ड हासिल किया. वही अब महिला विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में फिर गोल्ड अपने नाम किया
‘द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश सिंह से ली ट्रेनिंग’
नीतू घणघस का सफर बेहद मुश्किल भरा रहा है. द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच जगदीश सिंह ने उन्हें ट्रेनिंग दी. वो रोजाना सुबह-शाम तीन-तीन घंटे अभ्यास कर रही थी. इस दौरान वो सिर्फ दूध, दही और घी सहित पौष्टिक आहार ले रही थी. अपनी लाडली नीतू का मैच देखने के लिए पूरा परिवार दिल्ली पहुंचा था. रिंग में अपनी बेटी के मुक्के देखकर कभी परिजन तो कभी कोच भावुक दिखाई दिए. आखिरकार नीतू ने सभी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए मंगोलिया की लुटसेखन अलतेंगसेंग को 5-0 से हराकर गोल्ड पर कब्जा किया. नीतू की जीत पर पिता जयभगवान का कहना है कि बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया. वही नीतू के ताऊ रणबीर प्रधान ने कहा कि नीतू ने परिवार का नाम रोशन किया है उसकी जैसी बेटी घर-घर पैदा हो. नीतू की जीत के बाद पूरे गांव में जश्न का माहौल है.