थानेदार को कोर्ट ने सुनाई एक लाख जुर्माने के साथ पांच साल की सजा, रंगे हाथ हुआ था गिरफ्तार
Nuh News: शिकायतकर्ता की जमानत अर्जी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष लंबित थी, तभी दोषी एएसआई सुरेंद्र ने उसको अपने मोबाइल फोन से कॉल किया. उसे दोषमुक्त करने के लिए रिश्वत की मांग की.
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Haryana News: भ्रष्टाचार के एक मामले में नूंह के एडिशनल सेशन जज की कोर्ट ने थानेदार को पांच साल की सजा सुनाई है. साथ ही उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने ये कहा है कि जुर्माना नहीं भरने पर दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.
शिकायतकर्ता की पैरवी करते हुए अधिवक्ता ताहिर हुसैन देवला ने बताया कि दोषी सुरेंद्र एएसआई के खिलाफ शिकायतकर्ता मुबीन निवासी ग्राम निम्बाहेड़ी तावडू के बयान पर 8 सितंबर 2020 को पुलिस स्टेशन राज्य सतर्कता ब्यूरो गुरुग्राम में मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने बताया कि मुबीन विवादी ग्राम निबाहेड़ी थाना तावडू उसके पास दो हाइवा डम्पर हैं. उसके खिलाफ 16 जुलाई 2020 को मुकदमा दर्ज किया गया था.
दोष मुक्त करने के लिए मांगे थे 20,000 रुपये
जब शिकायतकर्ता की जमानत अर्जी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के समक्ष लंबित थी, तभी दोषी एएसआई सुरेंद्र ने उसको अपने मोबाइल फोन से कॉल किया. उसे दोषमुक्त करने के लिए 20,000 रुपये की मांग की. शिकायतकर्ता कोई रिश्वत नहीं देना चाहता था. इसलिए शिकायतकर्ता मुबीन ने रिश्वत मांगने की शिकायत गुरुग्राम विजिलेंस में कर दी.
विजिलेंस ने थानेदार के खिलाफ कार्रवाई की शुरू
जिसके बाद विजिलेंस ने एक टीम गठित की. जिसमें शिक्षा विभाग के कुंदन दीन को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया. जिला योजनाकार अधिकारी दिलबाग सिंह को भी साथ लेकर टीम ने रिश्वतखोर थानेदार के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. विजिलेंस अधिकारियों ने पाउडर लगे 20 हजार लेकर शिकायतकर्ता को रिश्वतखोर थानेदार के पास भेजा. रिश्वत के 20 हजार देने के लिए शिकायतकर्ता ने एएसआई सुरेंद्र को फोन कर उसे एक होटल में बुलाया. जहां उसे पाउडर लगे 20 हजार रिश्वत के दिए.
रंगे हाथों किया गिरफ्तार
पहले से ही तैयार विजिलेंस टीम को इशारा मिलते ही उन्होंने एएसआई सुरेंद्र को काबू कर लिया. उसकी जेब से 20 हजार के 500/500 के 40 नोट निकाले. थानेदार के हाथ धुलवाने पर उसका रंग गुलाबी हो गया. रिश्वत के आरोपी थानेदार को विजिलेंस टीम अपने साथ गुरुग्राम ले आई. उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.
कोर्ट ने एएसआई दोषी करार दिया
गवाही के दौरान शिकायतकर्ता भी पलट गया. अदालत ने अन्य गवाह और साक्ष्यों को आधार मानते हुए अतिरिक्त सेशन जज संदीप दुग्गल की कोर्ट ने एएसआई सुरेंद्र को दो अप्रैल 2024 को दोषी करार दिया. अब अदालत ने दोषी एएसआई सुरेंद्र को 5 साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना का फैसला सुनाया. दोषी एएसआई सुरेंद्र को अदालत ने जेल भेज दिया है.
राजेश यादव की रिपोर्ट
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