पिछले साल हिंसा से प्रभावित रही ब्रज मंडल जलाभिषेक यात्रा सोमवार (22 जुलाई) को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नूंह में शुरू हुई और शांतिपूर्वक समाप्त हो गई. हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर शोभायात्रा का स्वागत किया. आध्यात्मिक नेता महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने कहा कि इस साल की यात्रा ने पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का एक मजबूत संदेश दिया है.
नल्हड़ महादेव मंदिर से यात्रा हुई शुरू
‘हर हर महादेव‘ और ‘जय श्री राम’ के नारे लगाते हुए भक्तों ने नल्हड़ महादेव मंदिर से यात्रा शुरू की और बाद में यहां फिरोजपुर झिरका के झिर मंदिर के लिए रवाना हुए. यात्रा का मार्ग करीब 80 किलोमीटर लंबा रहा.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नूंह के उपायुक्त धीरेन्द्र खड़गटा ने कहा कि श्रद्धालुओं के लिए कड़ी सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं के बीच यात्रा सुचारू रूप से चल रही है. इससे पहले सुबह, यात्रा में भाग लेने वाले कई भक्त नल्हड़ मंदिर के लिए रवाना होने से पहले गुरुग्राम के सेक्टर 10 में राधा कृष्ण मंदिर में एकत्र हुए.
यात्रा शुरू होने से पहले, बड़ी संख्या में महिलाएं सुबह करीब 11 बजे यहां भूतेश्वर मंदिर से नल्हड़ महादेव मंदिर पहुंचीं. तिरंगा चौक पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
संतों और श्रद्धालुओं का फूल-मालाओं से स्वागत
मुसलमानों के कई समूहों ने विभिन्न स्थानों पर यात्रा में शामिल संतों और अन्य श्रद्धालुओं का फूल-मालाओं से स्वागत किया. अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डॉ. इमाम उमर अहमद इलियासी शांति की अपील करने के लिए रविवार शाम को नूंह स्थित नल्हड़ महादेव मंदिर गए थे.
स्वामी धर्मदेव ने कहा कि इस वर्ष की यात्रा ने पूरे देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का बड़ा संदेश दिया है और उन्होंने इस उपलब्धि के लिए दोनों समुदायों को बधाई दी. हरियाणा सरकार ने यात्रा के मद्देनजर नूंह जिले में सुरक्षा बढ़ा दी है और उसने मोबाइल इंटरनेट एवं एक साथ कई लोगों को एसएमएस भेजने की सेवाओं को 24 घंटे के लिए निलंबित करने का रविवार को आदेश दिया.
पिछले साल 31 जुलाई को हुई थी हिंसा
पिछले साल 31 जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद की शोभा यात्रा पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद हुई झड़पों में दो होमगार्ड और गुरुग्राम की एक मस्जिद के एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी.
अधिकारियों के अनुसार, इस बार यात्रा के दौरान पुख्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिले में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के 2,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है.
नूंह के पुलिस अधीक्षक विजय प्रताप सिंह ने रविवार को कहा था कि यात्रा मार्ग पर पुलिस बल तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम ड्रोन के जरिए सभी पर कड़ी नजर रखेंगे.’’
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा, ‘‘यात्रा से पहले स्थिति बहुत शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण है और दोनों समुदाय (हिंदू और मुस्लिम) इसका स्वागत करने के लिए तैयार हैं.’’ उन्होंने बताया कि यात्रा में शामिल सदस्यों के लिए कई स्वागत द्वार बनाए गए और खाने-पीने की दुकानें लगाई गई.
इस बीच, सरकार ने मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद करने का आदेश दिया. यह आदेश व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर आदि सोशल मीडिया मंचों के माध्यम से गलत सूचना और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए दिया गया. पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी में रविवार को जिले में ‘फ्लैग मार्च’ निकाला गया था. आधिकारिक आदेश के अनुसार, यात्रा पूरी होने तक शराब की दुकानें बंद रहेंगी.