Nuh Violence Case: ब्रजमंडल यात्रा में हिंदू कार्यकर्ता लहरा रहे थे त्रिशूल और अवैध हथियार, SSP उषा कुंडू ने बताई सारी सच्चाई
Nuh Communal Clash: बैन के बावजूद ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा में अवैध हथियार और त्रिशूल लहराये गए. सहायक पुलिस अधीक्षक उषा कुंडू ने कहा कि उन लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की.
Haryana News: ब्रजमंडल जलाभिषेक यात्रा में हिंदू कार्यकर्ता पुलिस की प्रतिबंध के बावजूद तलवार, त्रिशूल और अवैध हथियार लेकर चल रहे थे. इसकी पुष्टि सहायक पुलिस अधीक्षक (SSP) उषा कुंडू ने अपनी शिकायत में की है. उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम से पहले हुई शांति समिति की बैठकों में भी आयोजकों से यात्रा के दौरान किसी भी तरह के हथियार नहीं रखने का आग्रह किया गया था. उषा कुंडू ने अपनी शिकायत में जिक्र किया है कि 31 जुलाई की दोपहर करीब 12.30 बजे मैं अपनी टीम के साथ नल्हड़ मंदिर से 300 मीटर की दूरी पर कानून और व्यवस्था की ड्यूटी पर थी.
पुलिस की वाहनों से वापस निकाल लिए हथियार
एसएसपी उषा कुंडू ने अपनी शिकायत में बताया कि हमने लगभग 15-20 लोगों की भीड़ को तलवारें और त्रिशूल लेकर नल्हड़ मंदिर की ओर मार्च करते देखा. कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेरी टीम ने तलवारें और त्रिशूल छीनने की कोशिश की थी. लेकिन, लोग उग्र हो गए. उन्होंने पुलिस के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए. उन्होंने मेरी टीम के साथ मारपीट की. पुलिस वाहनों से अपने हथियार वापस निकाल लिए. एसीपी ने अपनी शिकायत में कहा, हमने उनके हथियार लेकर अपने वाहनों में रखे थे. लेकिन, वे आगे बढ़ गए और वाहनों के सामने बैठ गए. एक दूसरी पुलिस टीम हस्तक्षेप करने आई. लेकिन, उन्होंने हमारे आधिकारिक वाहन का पिछला दरवाजा खोल दिया और हथियार लेकर भाग गए.
बिट्टू बजरंगी लॉकअप में बताया जान का खतरा
बिट्टू बजरंगी और अन्य ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया, हमें जान से मारने की धमकी देने वालों की पहचान फुटेज से की गई है. यह तथ्य तब सामने आया, जब 31 जुलाई को जिले में हुई सांप्रदायिक झड़प के मामले में नूंह पुलिस ने गोरक्षक बिट्टू बजरंगी को मंगलवार को फरीदाबाद से अरेस्ट किया. गुरुवार को बिट्टू बजरंगी को नूंह कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में फरीदाबाद की नीमका जेल भेज दिया गया. पुलिस ने अपराध में शामिल 15 अन्य आरोपियों की पहचान कर ली है. उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.
बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी और पूरी यात्रा संदेह के घेरे में आने के बाद, बजरंग दल और वीएचपी ने कहा है कि बिट्टू बजरंगी न तो उसका सदस्य है और न ही उसके वीडियो का समर्थन करते हैं. नूंह पुलिस के एक आधिकारिक दस्तावेज, जिसकी एक प्रति आईएएनएस के पास है, ने खुलासा किया कि बिट्टू बजरंगी ने नूंह पुलिस लॉकअप में अपने जीवन को खतरा बताया है. क्योंकि वहां बंद अन्य सभी संदिग्ध मुस्लिम और उसके प्रतिद्वंद्वी हैं. जिस पर पुलिस ने अदालत से पूछताछ के बाद बिट्टू बजरंगी को जिले से बाहर ट्रांसफर करने का अनुरोध किया है. आरोपी अब फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद है.
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