Chandigarh : हरियाणा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर कर्मचारियों के प्रतिनिधियों से चर्चा के लिए सोमवार को एक समिति का गठन किया. यह कदम हरियाणा पुलिस की ओर से पंचकुला में पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए प्रदर्शन कर रहे राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक बड़े समूह को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करने के एक दिन बाद आया है.


मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित


एक आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने एक जनवरी 2006 या उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारियों के संबंध में नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना की मांग पर चर्चा के लिए समिति गठित करने का निर्णय लिया है. कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त विभाग) और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अन्य सदस्य होंगे. हरियाणा सरकार के कर्मचारियों की ओर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग लंबे समय से की जा रही है.


विजेंद्र धारीवाल ने की सरकार से बातचीत 


कर्मचारियों के एक संगठन ने सोमवार को इस मुद्दे पर सरकार से बातचीत की. इसका नेतृत्व पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र धारीवाल ने किया. सरकार ने समिति से इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए समिति से पांच सदस्यों को प्रतिनियुक्त करने को कहा है. धारीवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि समिति की पहली बैठक तीन मार्च को होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ सोमवार शाम यहां पहले दौर की बैठक हुई. इसके बाद सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत हुई. उन्होंने कहा कि सरकार ने लंबे विचार-विमर्श के बाद समिति गठित करने का फैसला किया है. एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है जो 3 मार्च को हमारे निकाय के साथ बैठक करेगी. हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हमारी केवल एक ही मांग है - पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना. धारीवाल ने सवाल किया कि पांच राज्यों में इसे बहाल कर दिया गया है. तो इसे हरियाणा में बहाल क्यों नहीं किया जा सकता? 


रविवार को कर्मचारियों को आई चोट का मुद्दा भी उठाया


उन्होंने कहा कि हमने नई पेंशन योजना में खामियों की ओर इशारा किया. हमने सरकार के ध्यान में यह भी लाया कि पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने से बड़ा वित्तीय बोझ पड़ेगा, यह सही नहीं है. रविवार को हुई पुलिस कार्रवाई पर धारीवाल ने कहा कि कल, हमने यहां मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की घोषणा की थी. हमने आज अपनी बैठक के दौरान उठाया कि क्या लोकतांत्रिक व्यवस्था में इस तरह की कार्रवाई उचित है? हमने मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया कि 20-25 कर्मचारियों को चोटें आईं, जिनमें सिर की चोटें भी शामिल थीं. उनकी क्या गलती थी ? यह कार्रवाई पंचकुला-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों के केंद्र शासित प्रदेश में घुसने और हरियाणा के मुख्यमंत्री आवास की ओर मार्च करने की कोशिश के बाद हुई.


बीजेेपी शासित किसी राज्य ने नहीं बहाल की ओपीएस


विपक्षी कांग्रेस ने कर्मचारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग को लेकर हरियाणा सरकार पर हमला बोला और कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार राज्य को लाठी और गोलियों से चलाना चाहती है. कांग्रेस ने यह भी आश्वासन दिया कि सत्ता में आने पर वह पुरानी पेंशन योजना को बहाल करेगी. हरियाणा विधानसभा के चुनाव 2024 में होने हैं. पुरानी पेंशन योजना की बहाली पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में उभरी, जहां कांग्रेस ने पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को बाहर कर दिया था. अभी तक किसी भाजपा शासित राज्य ने पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं की है. पुरानी पेंशन योजना, जिसके तहत सरकार द्वारा पूरी पेंशन राशि दी जाती थी, को 1 अप्रैल, 2004 से देश में बंद कर दिया गया था. हालांकि, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत पेंशन राशि अंशदायी है, जो उसी वर्ष से लागू है.


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