Haryana News: हरियाणा में खेलों को बढ़ावा देने के लिए खट्टर सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. मध्यप्रदेश में खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाडियों को सरकार ने बड़ी सौगात दी है. पदक विजेता खिलाड़ियों को अब राई की मोतीलाल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में डायरेक्ट एडमिशन दिया जाएगा. इसके लिए पदक विजेता खिलाड़ियों को ना ही तो फिजिकल टेस्ट देने की जरूरत होगी और ना ही लिखित परीक्षा देने की थी. 


दूसरे स्थान पर रहा था हरियाणा
मध्यप्रदेश में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार हरियाणा दूसरे स्थान पर रहा था. हरियाणा को 41 स्वर्ण, 32 रजत एवं 55 कांस्य पदक मिले थे. यानि इस एक पायदान नीचे खिसकते हुए हरियाणा ने कुल 128 पदक जीते थे. वही इनमें से कुश्ती में 9 स्वर्ण पदक और 41 अन्य पदक थे. मुक्केबाज में हरियाणा ने 8 स्वर्ण पदक के साथ टोटल 15 पदक जीते थे. वही बात करें एथलेटिक्स की तो 4 स्वर्ण पदक सहित हरियाणा ने 13 पदक जीते थे. वही साल 2021 में हुए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में हरियाणा 52 स्वर्ण पदकों के साथ पहले स्थान पर रहा था. 


200 छात्रों का स्पोर्ट्स स्कूल में होना है एडमिशन 
वही आपको बता दें कि भारत-तिब्बत पुलिस बल के महानिदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए एसएस देसवाल को हरियाणा स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया था. स्पोर्ट्स विश्वविद्यालय के कुलपति एसएस देसवाल का कहना है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पदक जीतने वाले खिलाडियों ने खुद को राष्ट्रीय स्तर पर साबित किया है. इसलिए उनको एडमिशन के विश्वविद्यालय की तरफ से आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होने आवश्यकता नहीं है. इस साल 200 छात्रों के एडमिशन दिया जाएगा, खेलो इंडिया यूथ गेम्स में पदक जीतने वाले जितने भी खिलाड़ी एडमिशन लेना चाहते है तो उन्हें एडमिशन दिया जाएगा. कुलपति एसएस देसवाल का कहना है कि उसका मकसद छात्रों को खेलों के प्रशिक्षण के साथ-साथ सर्वश्रेष्ठ शिक्षा दी जाए. 


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