Punjab News: पंजाब विधानसभा का एक दिवसीय सत्र कल मंगलवार को है. सत्र में पराली जलाने, जीएसटी और बिजली आपूर्ति जैसे मुद्दों पर विचार किया जाएगा. सदन में विपक्ष का भारी विरोध देखने को मिल सकता है. विपक्ष ने अवैध रेत खनन, सतलुज यमुना लिंक नहर और कानून व्यवस्था जैसे कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई है.
कल विधानसभा का एक दिवसीय सत्र
शनिवार को भगवंत मान की सरकार ने राज्यपाल को विधानसभा के सत्र में पराली जलाने, जीएसटी और बिजली आपूर्ति जैसे पर विचार करने की सूचना दे दी थी. इससे पहले राज्यपाल और सरकार में विशेष सत्र बुलाने पर ठन गई थी. राज्यपाल ने विश्वास मत हासिल करने के लिए 22 सितंबर को विधानसभा का सत्र बुलाने की अनुमति नहीं दी थी. एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने पर पंजाब की आप सरकार पर कांग्रेस ने हमला बोला है. कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने 'मजाक' बताया है.
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विपक्ष के निशाने पर आई आप सरकार
उनका कहना है कि सत्र को असमय बारिश के कारण फसलों को नुकसान, सतलुज यमुना लिंक नहर जैसे मुद्दों पर विचार करने के लिए बुलाया जाना चाहिए. विधायक खैरा ने ट्वीट करते हुए कहा, "कल का विधानसभा का सत्र एक मजाक है क्योंकि जनता की गाढ़ी कमाई का एक करोड़ खर्च करने के बाद प्रश्नकाल नहीं रखा गया है." शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने बताया कि राज्य के महत्वपूर्ण विषयों जैसे भ्रष्टाचार, अवैध रेत खनन, कानून व्यवस्था की बिगड़ती हुई स्थिति और आबकारी नीति पर विचार करने के लिए सत्र की अवधि लंबी होनी चाहिए थी.
आम आदमी पार्टी ने हाल ही में बीजेपी पर दस विधायकों को 10 करोड़ की पेशकश का आरोप लगाया था. उसका कहना था कि 'ऑपरेशन लोटस' के तहत छह महीने पुरानी सरकार को गिरानी की कोशिश की गई थी.