(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
One Nation One Election: केंद्र को मिला शिरोमणि अकाली दल का समर्थन, सुखबीर बादल बोले- 'पूरे देश में हो...'
One Nation One Election Reactions: केंद्र को वन नेशन वन इलेक्शन पर मिला शिरोमणि अकाली दल का समर्थन, सुखबीर बादल बोले- पूरे देश में बननी चाहिए सहमति
One Nation One Election: देश में वन नेशन, वन इलेक्शन के सियासत तेज हो गई है. शुक्रवार (1 सितंबर) को बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है. वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, मैं और हमारी पार्टी वन नेशन, वन इलेक्शन के हक में है. सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सांसद और विधायक (विधानसभा) के चुनाव एक समय पर होने चाहिए.
शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल ने वन नेशन, वन इलेक्शन का सपोर्ट करते हुए कहा कि, 'ये बहुत बढ़िया है और पूरे देश णें इस पर सहमति होनी चाहिए. वन नेशन, वन इलेक्शन पर पूरे देश से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है. इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पंजाब सरकार में वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने विरोध किया है. उन्होंने कहा कि, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसे लागू करना संभव नहीं है.' उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि, वे देश को बर्बाद करना चाहते हैं. ये देश के संविधान के लिए खतरनाक है.'
क्या है वन नेशन, वन इलेक्शन?
दरअसल केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी वन नेशन, वन इलेक्शन के संभावनाओं पर अध्ययन करेगी. मतलब अगर ऐसी संभावनाएं बनती हैं तो पूरे देश में राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक ही समय पर होंगे. हालिया वक्त में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हर 5 साल पर कराये होते हैं या ऐसे वक्त में होता जब विधानसभा या लोकसभा किसी कारणवश भंग हो जाती है.
लागू करने को लेकर दिया जा रहा है ये तर्क
केंद्र सरकार की मंशा वन नेशन, वन इलेक्शन के जरिये चुनाव में होने वाले भारीभरकम खर्च में कटौती करना है. हालांकि इसको लेकर क्षेत्रीय राजनीतिक दल असमंजस की स्थिति में है. उनका मानना है कि इस विधेयक के लागू हो जाने से बड़ी राजनीतिक पार्टियां हावी हो जायेंगी, इसके अलावा क्षेत्रीय पार्टियां स्थानीय मुद्दों को जनता के सामने मजबूती से नहीं रख सकेंगी. मीडिया खबरों के मुताबिक, 2014 के लोकसभा चुनाव में ये बीजेपी के चुनावी मुद्दे में शामिल था.
कैसे होगा लागू?
पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने को लेकर संवैधानिक संशोधन जरुरी है. इसके लिए अलावा वन नेशन वन इलेक्शन बिल लाने के लिए 16 राज्यों के विधानसभा इस प्रस्ताव को पास करवाना लाजमी है. इस बिल को केंद्र में पास करने के लिए दो तिहाई बहुमत की जरुरत होगी. वन नेशन, वन इलेक्शन बिल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत ही लाया जा सकता है.