Opposition Parties Meeting: 'सफल नहीं होगा विपक्ष के 'कुनबा' जोड़ने का प्रयास', दिग्विजय चौटाला बोले- 'बिना चेहरे के लड़ाई लड़ना...'
Opposition Parties Meeting: विपक्षी दलों की बैठक को लेकर अब हरियाणा में विरोध के स्वर सुनाई देने लगे है. जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने बैठक को भानुमति का कुनबा जोड़ने का प्रयास बताया है.
Haryana News: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को लेकर अनेक राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही हैं. हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने इस मीटिंग को लेकर विपक्षी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, 'सारे विपक्षी दल एकजुट नहीं हो सकते क्योंकि सभी के विचार अलग-अलग हैं. विपक्षी दलों में प्रधानमंत्री का चेहरे कौन होगा? यह अभी तय नहीं है, और बिना चेहरे के लड़ाई लड़ना असंभव है.'
आपको बता दें कि 23 जून को पटना में हो रही विपक्षी दलों की बैठक आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर काफी अहम है. इस बैठक में बीजेपी को हराने की रणनीति तैयार की जाएगी. लेकिन कई राज्यों के क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस के साथ चलने में पेच फसंता नजर आ रहा है. बीजेपी के नेता इस बैठक को विपक्ष का कांग्रेस मुक्त अभियान’ करार दे रहे हैं. वहीं जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने विपक्षी दलों की इस बैठक को 'भानुमति का कुनबा' जोड़ने का प्रयास बताया है.
दिग्विजय ने कांग्रेस पर साधा निशाना
जेजेपी प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कांग्रेस एक ऐसी पार्टी है जिसका संगठन नहीं है, और जिनका संगठन नहीं होता वो कोई पार्टी नहीं होती. उन्होंने कांग्रेस को मजबूर और खुद को मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि सीएम भूपेंद्र हुड्डा 10 साल अपने कार्यकाल में बुढ़ापा पेंशन को बुजुर्गों की उम्मीद के मुताबिक नहीं कर पाए, लेकिन जेजेपी बुढ़ापा पेंशन को 5100 रुपए करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.
जेजेपी राजनीतिक दल नहीं, एक परिवार
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि जेजेपी ने महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिला शक्ति को नई पहचान दिलाई है. उन्होंने कहा कि जेजेपी एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि एक परिवार है. पार्टी में सभी को पूरा मान सम्मान दिया जाता है. सभी विरोधी राजनीतिक दल बैकवर्ड की राजनीति करते है लेकिन उनको हक दिलाने का काम नहीं किया. उन्हें हक तो सिर्फ दुष्यंत चौटाला ने दिलवाया है.