Punjab News: पंजाब की मंडियों में धान की लिफ्टिंग एक बड़ा मुद्दा बन गई है. किसान आरोप लगा रहे हैं कि धान की लिफ्टिंग सही नहीं हो रही है, जिसकी वजह से मंडियां धान से भरी पड़ी हैं. ऐसे में अब खरीद पर भी इसका असर पड़ रहा है. वहीं सोमवार (21 अक्तूबर) को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की. 


मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य में धान की उठाई जल्द से जल्द की जानी चाहिए. किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े. राज्य के किसानों ने देश को अन्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इस साल भी राज्य के किसानों द्वारा 185 लाख मीट्रिक टन धान का योगदान राष्ट्रीय भंडार में दिए जाने की उम्मीद है."


बैठक के बाद पंजाब के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने कहा, पंजाब की मंडियों में धान की खरीद चल रही है और अभी तक तकरीबन 24 लाख मीट्रिक टन धान मंडियों में आ चुका है. जिसमें से 22.50 लाख टन की खरीद हो चुकी है. वहीं अभी तक चार लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग हो चुकी है. साथ ही किसानों को लगभग चार हजार करोड़ रुपये की अदायगी भी हो चुकी है.


मंत्री ने क्या कहा?
उन्होंने कहा, आने वाले दिनों में धान की लिफ्टिंग में तेजी आएगी. धान की लिफ्टिंग के बाद स्टोरेज के प्रबंध किए जा रहे हैं. वहीं मंत्री की ओर से पेश किया गया डाटा ये बयान कर रहा है कि मंडियों में खरीदे गए धान की लिफ्टिंग धीमी है. इसकी वजह से खरीद पर भी फर्क पड़ रहा है. वहीं किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र और राज्य सरकार ने समय पर धान स्टोरेज के प्रबंध नहीं किए, जिसकी वजह से धान की लिफ्टिंग मंडियों से नहीं हो पा रही है.



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