Haryana: क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर पर रेप का आरोप, हरियाणा के मुख्य सचिव और DGP को NHRC ने भेजा नोटिस
Palwal Rape Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बारे में इस तरह की शिकायतों के संबंध में पिछले एक साल का ब्योरा होना चाहिए.
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Palwal Rape Case: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मंगलवार को एक महिला से कथित तौर पर रेप किए जाने की खबरों पर हरियाणा सरकार (Haryana Government) और राज्य के डीजीपी को नोटिस जारी किया है. आयोग ने यह नोटिस क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर द्वारा पलवल (Palwal) में एक महिला के जेल में बंद पति की मदद के नाम पर कथित तौर पर उससे रेप किए जाने के आरोप पर जारी किया है. एनएचआरसी ने अपने बयान में कहा कि यदि खबर सही है तो यह लोक सेवक द्वारा पीड़िता के मानवाधिकार उल्लंघनों के समान है.
आयोग की ओर से कहा गया है कि "एनएचआरसी ने मीडिया की इस खबर का स्वत: संज्ञान लिया है कि पलवल, हरियाणा में अपराध शाखा के एक निरीक्षक ने महिला के जेल में बंद पति की मदद करने के नाम पर उसके साथ रेप किया. आयोग ने हरियाणा के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तलब की है.
मुख्य सचिव से मांगी गई है यह जानकारी
बयान के अनुसार मुख्य सचिव से इस सूचना की आशा है कि क्या कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 में तैयार किए गए दिशा-निर्देशों को सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त निर्देश जारी किए गए हैं और क्या पुलिस बल समेत सार्वजनिक कार्यालयों में आंतरिक शिकायत समिति बनाकर इसके तहत नियम बनाये गए हैं?
आयोग ने कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी
आयोग ने कहा कि रिपोर्ट में कार्यस्थलों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न के बारे में इस तरह की शिकायतों के संबंध में पिछले एक साल का ब्योरा होना चाहिए. बयान के अनुसार, "पुलिस महानिदेशक को विशाखा मामले में तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं होने और कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 के तहत जांच शुरू करने की असमर्थता के लिए हरियाणा पुलिस की संस्थागत प्रणाली की नाकामी के कारणों के संबंध में रिपोर्ट जमा करनी होगी, जिसमें कार्रवाई रिपोर्ट भी शामिल हो."
आयोग ने पूछा- आरोपी की गिरफ्तारी के लिए क्या किया गया?
आयोग के अनुसार रिपोर्ट में आरोपी निरीक्षक के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले की वर्तमान स्थिति पर जानकारी शामिल होनी चाहिए, जिसमें अलग-अलग दंडनीय कानूनों के तहत लागू प्रावधानों का उल्लेख हो. साथ ही यह भी बताया जाए कि क्या गिरफ्तारी की गई है, यदि नहीं, तो आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए क्या उपाय किए गए हैं?
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