(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Haryana News: हरियाणा के आईएएस अशोक खेमका और संजीव वर्मा आए आमने-सामने, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
हरियाणा के दो आईएएस अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं और इन दोनों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है. यह पूरा मामला एक भर्ती से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
हरियाणा में एक भर्ती से जुड़े मामले को लेकर दो आईएएस अधिकारी आमने सामने आ गए हैं. यहां पर पंचकूला पुलिस ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली है. यह पूरा मामला हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक संजीव वर्मा और विज्ञान एवं तकनीक विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका से जुड़ा हुआ है. पंचकूला पुलिस ने संजीव वर्मा की शिकायत पर खेमका के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की है. इसके बाद फिर खेमका की शिकायत पर संजीव वर्मा और अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है. इस दौरान अशोक खेमका हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज के साथ पंचकूला पुलिस स्टेशन पहुंचे थे.
बता दें कि हरियाणा वेअर हाउसिंग के एमडी संजीव वर्मा ने अशोक खेमका पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. संजीव वर्मा ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि अशोक खेमका ने वेयर हाउसिंग कारपोरेशन में एमडी के पद पर रहते हुए 2 मैनेजरों की नियुक्ति में अनियमितताएं बरती थी. वहीं दूसरी ओर आईएएस अशोक खेमका ने आर्काइव डिपार्टमेंट में वाहन के मिसयूज की शिकायत के पुराने मामले में संजीव वर्मा के खिलाफ शिकायत दे दी थी, लेकिन इस शिकायत पर पंचकूला पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की थी. इसके बाद खेमका के साथ मंगलवार को हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज पंचकूला डीसीपी कार्यालय पहुंचे और मामला दर्ज कराया.
इतना ही नहीं अनिल विज ने खेमका की शिकायत पर एफआईआर दर्ज नहीं करने पर अधिकारियों को फटकार भी लगाई. वहीं साल 2010 में एचएसडब्ल्यूसी में दो प्रबंधक ग्रेड- I अधिकारियों की भर्ती से नौकरी पाने वाले दोनों अधिकारियों प्रदीप कुमार और सुरिंदर सिंह को 20 अप्रैल को संजीव वर्मा ने बर्खास्त कर दिया था.
Haryana News: क्या सूखे चारे की आवाजाही पर लगा हुआ है प्रतिबंध? कृषि मंत्री ने तोड़ी चुप्पी
साल 2016 में सौंपी गई थी रिपोर्ट
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में अशोक खेमका ने कहा कि साल 2010 में की गई दो भर्तियों से संबंधित घटना के बारे में साल 2016 में लोकायुक्त को रिपोर्ट सौंपी गई थी. इस रिपोर्ट में कोई अपराध नहीं निकला था, हालांकि अब संजीव वर्मा एक साजिश करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने और भ्रष्ट मकसद से एक लोक सेवक को सजा दिलाने का प्रयास कर रहे हैं.