Punjab News: 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) अभी भी पंजाब पुलिस (Punjab Police) की गिरफ्त से दूर है. रोजाना उसकी नई लॉकेशन से जुड़े खुलासे हो रहे हैं, लेकिन अभी तक पंजाब पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई है. इस बीच शीर्ष खुफिया सूत्रों से ये जानकारी मिली है कि अमृतपाल फरार होने के बाद से ही पपलप्रीत पर निर्भर था. अमृतपाल के चाचा चाहते थे कि वो सरेंडर कर दे, लेकिन पपलप्रीत ने उसे ऐसा नहीं करने दिया. सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल पपलप्रीत की ही सलाह पर फरार हुआ.


पपलप्रीत ने की छिपने में मदद


शीर्ष खुफिया सूत्रों का कहना है कि अमृतपाल के लिए नए-नए ठिकानों की तलाश भी पपलप्रीत ही कर रहा था. पटियाला में जिस बलबीर कौर के पास अमृतपाल ठहरा था, वो भी पपलप्रीत को जानती थी. CNN न्यूज की एक खबर के अनुसार, दिल्ली में कुलविंदर कौर ने भी अमृतपाल को शरण दी थी. वो भी पपलप्रीत को जानती थी. यानी अमृतपाल को शरण देने वाली ज्यादातर महिलाएं पापलप्रीत की दोस्त थीं. खुफिया सूत्रों का कहना पपलप्रीत के खिलाफ अब अंतरराष्ट्रीय जासूसी एजेंसियों से संबंधों और उनसे मिलने वाले फंड की जांच की जा रही है. पपलप्रीत संगरूर के सांसद सिमरनजीत सिंह मान का भी समर्थक रह चुका है. चब्बा गांव में आयोजित सरबत खालसा में उन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई थी.


पपलप्रीत पर कई मामले दर्ज


खुफिया सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत पर अब देश के खिलाफ राजद्रोह, दो सूमहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और, साइबर आतंकवाद के अलावा साजिश रचने के मामले दर्ज किए गए हैं. सूत्रों का कहना है कि पपलप्रीत के पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी कट्टरपंथियों से भी संबंध है. वहीं जब अमृतपाल दुबई से भारत लौटा था तो पपलप्रीत उसके संपर्क में आया था और उसने अमृतपाल को प्रभावित करना शुरू कर दिया. वहीं अब फरार होने के लिए भी पपलप्रीत ने ही अमृतपाल को सलाह दी. 


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