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Canada Student Visa: बच्चों को पढ़ाई के लिए विदेश भेजने से पहले माता-पिता इन चीजों का रखें ध्यान

Punjab: भारत के जो स्टूडेंट यूके, यूएस और कनाडा को पढ़ाई के लिए चुनते हैं, अक्सर धोखाधड़ी वाले वीजा एजेंटों का शिकार हो जाते हैं. बच्चों को विदेश भेजने से पहले माता-पिता इन चीजों का ध्यान जरूर रखें.

Punjab News: कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी एजेंसी कनाडा में रहकर पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को बड़ा झटका दिया है. 700 भारतीय छात्रों को कनाडा बॉर्डर सिक्योरिटी द्वारा डिपोटेशन के नोटिस जारी कर उन्हें कुछ ही दिनों में कनाड़ा छोड़ने का आदेश जारी किया है. ऐसे में कनाडा से अपने बेटे के निर्वासन का सामना करने की खबर पर मां सरबजीत कौर ने कहा कि, मेरा आपसे अनुरोध है कि कृपया हमारे बच्चे को कनाडा में रहने दें. उसकी कोई गलती नहीं है. कनाडा में 700 से अधिक छात्र फर्जी प्रवेश पत्र रैकेट में फंस गए और उनके माता पिता मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं, जिन्होंने अपनी जीवन भर की जमा-पूंजी अपने बच्चों के उज्‍जवल भविष्य के लिए लगा दी थी.

भारत के माता-पिता और छात्र जो यूके, यूएस और कनाडा को पसंदीदा शैक्षिक स्थलों के रूप में चुनते हैं. अक्सर धोखाधड़ी वाले वीजा एजेंटों का शिकार हो जाते हैं. एजेंटो का एकमात्र उद्देश्य पैसा निकलवाना है. ऐसे में सरबजीत और उनके माता-पिता ने एजेंट पर नकली प्रवेश पत्रों के साथ उन्हें ठगने का आरोप लगाया है. आव्रजन विशेषज्ञों के अनुसार, वीजा धोखाधड़ी छात्र के रिकॉर्ड में चला जाता है जिससे वे भविष्य में किसी भी वीजा के लिए अपात्र हो जाते हैं. वे कहते हैं कि सबसे अच्छा तरीका कॉलेज की वेबसाइट पर सीधे आवेदन कर अपनी स्वयं की आवेदन प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है जहां सभी नियम और वीजा शुल्क स्पष्ट रूप से बताए गए हैं. 

एजेंटों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी के उदाहरण

अगर एजेंट के माध्यम से जाना चाहते हैं तो उसकी साख के बारे में जांचने, सत्यापित करने और पूछने की जरूरत है. वे इस व्यवसाय में कितने समय से हैं, उनके द्वारा संसाधित किए गए सफल मामलों की संख्या क्या है. इसके साथ ही दूतावास और कॉलेज में नकली अकादमिक या बैंक दस्तावेज जमा करना और छात्रों को गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में भेजना. नकली एजेंटों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी के कुछ सामान्य उदाहरण हैं.

नकली एजेंट कैसा होता है

अकादमिक प्रश्न- सलाहकार वाई-एक्सिस के अनुसार, यदि आपका एजेंट सैट-जीपीए के बारे में बात करने के बजाय विदेश में आपके भविष्य की एक अच्छी तस्वीर बनाता है, तो पूरी संभावना है कि आप एक नकली एजेंट के चक्कर में पड़ गए हैं. उसे मान्यता, पाठ्यक्रम क्रेडिट, शैक्षणिक कैलेंडर, व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर जैसी चीजें बताने के लिए कहें.

बड़े-बड़े दावे- फर्जी वीजा एजेंट आपको ग्रेजुएशन पर तीन साल के वर्क परमिट का आश्वासन देते हैं, जो आपको उचित समय पर स्थायी निवास के लिए आवेदन करते हुए कनाडा में रहने और काम करने देता है. वे छात्रों को यह कहकर भी गुमराह करते हैं कि वे विदेश में एक स्थापित अध्ययन सलाहकार/एजेंट के प्रतिनिधि हैं.

बातूनी एजेंट- सलवान मीडिया वेंचर्स के फाउंडर हरजीव सिंह के मुताबिक, अगर एजेंट सुनता नहीं है और बातें ज्यादा करता है तो इसका मतलब कि उसका मकसद पैसा बनाना है.

प्रवेश/वीजा की गारंटी- कोई एजेंट पैसे के बदले एक सुनिश्चित वीजा की गारंटी नहीं दे सकता. कोई भी एजेंट दूतावास को वीजा जारी करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता.

विरोधाभासी दावे- कई बार एजेंट के दावों और विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट के बीच काफी अंतर होता है. उदाहरण के लिए, अगर कोई एजेंट कहता है कि एक छात्र क्लास अटेंड किए बिना ही काम कर सकता है, तो इसका मतलब कि वह झूठ बोल रहा है. विश्वविद्यालय की वेबसाइट और आधिकारिक दूतावास में पढ़ाई के दौरान काम करने के संबंध में अलग-अलग नियम हैं.

इमिग्रेशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज्यादातर एजेंट फीस को लेकर गुमराह करते हैं. एजेंट पांच विश्वविद्यालयों में 'आवेदन शुल्क' जमा करने की पेशकश करते हैं, लेकिन इसे केवल दो-तीन विश्वविद्यालयों में जमा करते हैं.

माता-पिता के लिए चेकलिस्ट

  • छात्र जिस विश्वविद्यालय/कॉलेज में आवेदन कर रहा है, वह वैध है
  • छात्र जिस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर रहो है उसकी वैधता या मान्यता
  • कोर्स पूरा होने पर वैध वीजा डिग्री
  • दस्तावेजों को ठीक से संभालना
  • एजेंटों पर आंख बंद कर भरोसा करने के बजाय दस्तावेजों का खुद से सत्यापन करना
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