Parkash Singh Badal Passes Away: पंजाब (Punjab) के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल की अंतिम यात्रा बुधवार (26 अप्रैल) को शुरू हुई. ताबूत में रखे उनके पार्थिव शरीर को चंडीगढ़ (Chandigarh) से मुक्तसर (Muktsar) जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बादल ले जाया गया. उनके ताबूत की एक झलक पाने के लिए हजारों लोग कतार में खड़े रहे. पैतृक गांव में गुरुवार को राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की जाएगी. ताबूत को ले जाने वाली फूलों से सजी एंबुलेंस को वरिष्ठ बादल के बेटे सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) चला रहे थे. सह-चालक के रूप में बिक्रम मजीठिया (Bikram Singh Majithia) उनके साथ थे. सुखबीर के चचेरे भाई मनप्रीत बादल, जो अब बीजेपी (BJP) में हैं, सहित परिवार के अन्य सदस्य ताबूत के पास बैठे थे.


बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के बाद देश के दूसरे सबसे उम्रदराज राजनेता प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार (25 अप्रैल) को 95 साल की उम्र में सांस लेने में तकलीफ के बाद यहां के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था. चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल मुख्यालय में 'कीर्तन और अरदास' के बाद 'पंथ ते पंजाब दा राखा,  'प्रकाश सिंह बादल अमर रहे'- नारे के बीच बादल के पार्थिव शरीर को विशेष रूप से सजी एंबुलेंस में रखा गया था. पार्थिव शरीर को बादल गांव में अंत्येष्टि के लिए ले जाते समय एंबुलेंस के पीछे अकाली कार्यकर्ता और बादल परिवार के प्रति सहानुभूति रखने वालों की भीड़ कतारबद्ध होकर चलती रही.


20 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे


प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर 1927 को मुक्तसर में हुआ था. वह 20 साल की उम्र में 1957 में पहली बार विधायक के रूप में गांव के सरपंच चुने गए और 1970 में 43 साल की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने. उसके बाद वह पांच बार मुख्यमंत्री चुने गए. उनकी अंत्येष्टि गुरुवार (26 अप्रैल) को दोपहर एक बजे होगी, जिसमें बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं, राजनेताओं और गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है.


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